चैत्र नवरात्रि: इन सिद्ध पीठों में उमड़ता है भक्तों का सैलाब, दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं
कन्नौज जिले के इस सिद्ध पीठ मंदिर में माता पथवारी देवी विराजमान हैं. यहां की मान्यता है कि लोग पुत्र प्राप्ति की मनोकामना लेकर आते हैं. जब मनोकामना पूरी हो जाती है तो लोग यहां पर आकर विशेष पूजा अर्चना करवाते हैं. साथ ही पथवारी माता को कन्नौज की रक्षा करने वाली माता के रूप में भी जाना जाता है. यह मंदिर कन्नौज बस स्टैंड से 7 किलोमीटर दूर मोहल्ला पटकाना में बना हुआ है.
कन्नौज में बने सिद्ध पीठ माता फूलमती मंदिर में लोग दूर-दूर से माता का चमत्कारी नीर लेने के लिए आते हैं. मान्यता यह है की लोगों के आंखों से संबंधित और सफेद दाग जैसी समस्याओं में यह नीर वरदान साबित होता है. यह मंदिर रेलवे स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर मकरंद नगर मार्ग पर बना हुआ है.
अन्न की देवी कहीं जाने वाली माता अन्नपूर्णा का सिद्ध पीठ कन्नौज में बना हुआ है. यह कन्नौज मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर तिर्वा क्षेत्र में बना हुआ है. श्रद्धालुओं के लिए सोने के समान है. मान्यता है कि माता के मंदिर प्रांगण की मिट्टी लोग अपने साथ ले जाते हैं. किसान अपने खेत और महिलाएं अपने रसोई घर में इसे रखती हैं. इससे खेतों की उपज और घर में कभी भी अन्य की कमी नहीं होती.
सिद्ध पीठ माता कालका देवी मंदिर कन्नौज के छिबरामऊ क्षेत्र में बना हुआ है. मान्यता है कि यहां पर स्थापित माता की मूर्ति दिन में तीन बार रंग बदलती है. और श्रद्धालुओं की मनचाही मनोकामना यहां पर पूर्ण होती है. नवरात्रों में इस मंदिर में भक्तों की अच्छी खासी भीड़ भी उमड़ती है.
सिद्ध पीठ माता क्षेमकली मंदिर कन्नौज बस स्टैंड से करीब 4 किलोमीटर दूरी पर राजा जयचंद किले के पास बना हुआ है. यहां की मान्यता ऐसी है कि देवी शक्तियों का आज भी इस मंदिर में आकाश मार्ग से आना जाना लगा रहता है. कई बार इस मंदिर में छत बनवाने की कोशिश की गई. लेकिन, वह अपने आप ही टूट जाती है.