गुरु की चाल बदलते ही मई में लगेगा पुष्कर कुंभ, जानिए 12 साल बाद कब और कहां लगेगा

यह दुर्लभ घटना 12 साल बाद होती है। प्रयागराज के कुंभ मेले में करीब 66 करोड़ से अधिक लोगों ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई थी। अध्यात्म और आयोजन की दृष्टि से यह अभूतपूर्व घटना थी।
दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में आते हैं भक्तकहते हैं कहते हैं वेदव्यास ने केशव प्रयाग में तपस्या के दौरान महाभारत लिखी थी। वहीं, शंकराचार्य रामानुजाचार्य और माधवाचार्य जैसे दक्षिण भारत के प्रमुख आचार्यों ने सरस्वती नदी के तट पर माता सरस्वती से ज्ञान पाया था।
उनकी पंरपरा को बनाए रखने के लिए साउथ इंडिया के महापुरुष पुष्कर कुंभ के समय बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। इसके साथ ही देश के अन्य हिस्सों से भी साधु-संत और श्रद्धालु भी यहां पहुंचते हैं।