चिटफंड कंपनियों में रकम गंवाने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही
चिटफंड कंपनियों में रकम गंवाने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। अपनी ही रकम पाने के लिए उन्हें और इंतजार करना होगा। पिछले साल विधानसभा चुनाव की वजह से लोगों को रकम नहीं मिल पाई। अब लोकसभा चुनाव की वजह से पूरा मामला फिर उलझ गया है।लोगों की बढ़ी परेशानियां:अफसरों के तबादले और आचार संहिता ने अटकाए 30 हजार लोगों के 3.5 करोड़
चिटफंड कंपनियों में रकम गंवाने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। अपनी ही रकम पाने के लिए उन्हें और इंतजार करना होगा। पिछले साल विधानसभा चुनाव की वजह से लोगों को रकम नहीं मिल पाई। अब लोकसभा चुनाव की वजह से पूरा मामला फिर उलझ गया है।
रायपुर प्रशासन के पास एक साल से करीब 3.55 करोड़ जमा है, जिसे 30 हजार से ज्यादा निवेशकों में बांटना है। यह रकम चिटफंड कंपनियों की प्रॉपर्टी बेचने के बाद जमा हुई थी। इस रकम को पिछले साल ही बंट जाना था। लेकिन अफसर विधानसभा चुनाव में लग गए। अब लोकसभा चुनाव की वजह से लोगों को तीन से चार महीने तक इंतजार करना होगा।
रायपुर जिले में नीलामी से अभी तक देवयानी प्रापर्टी लिमिटेड से 4.14 करोड़, शुष्क इंडिया कंपनी लिमिटेड से 2.12 करोड़, गोल्ड की इंफ्रावेंचर लिमिटेड और बे सिड बेनीफीट लिमिटेड से 81 लाख, निर्मल इंफ्रा होम कॉर्पोरेशन लिमिटेड से 51.51 लाख, आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड से 11.85 लाख रुपए मिले हैं। इसमें प्रशासन ने 9866 लोगों को 4.14 करोड़ लौटा दिया है। बाकी के 3.54 करोड़ प्रशासन के पास है।
इस रकम को वापस करने के लिए लोगों से आवेद न भी मंगाए जा चुके हैं। करीब 30 हजार लोगों को यह रकम वापस की जाएगी। लेकिन एक साल से लोग इस रकम को वापस पाने का इंतजार कर रहे हैं।
अब तक ये हुआ
42 कंपनियों के खिलाफ मामले प्रशासन के पास
3.50 लाख आवेदन मिले पैसा गंवाने वालों से
5 कंपनियों की प्रॉपर्टी नीलाम कर पाए हैं अब तक
6 ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं जो दूसरे जिलों के हैं
16 चिटफंड कंपनियों के मामले अभी भी कोर्ट में
9866 लोगों को ही वापस कर पाए हैं 4.14 करोड़
इन कंपनियों की संपत्ति ही नीलाम नहीं हो पाई
जिले की सात चिटफंड कंपनियां ऐसी हैं जिनकी संपत्तियां ही नीलाम नहीं हो पाई हैं। इन कंपनियों की प्रॉपर्टी नीलाम की जाती इससे पहले ही उन्होंने कोर्ट से स्टे ले लिया। अभनपुर में माइक्रो फायनेंस कंपनी की संपत्ति की नीलामी की कई बार कोशिश की गई, लेकिन अफसर सफल नहीं हो पाए।
सके अलावा साईं प्रकाश डेवलपमेंट की करीब 8 करोड़ की प्रॉपर्टी भी कुर्क है, लेकिन नीलामी नहीं हो पाई। इसके अलावा एक चिटफंड कंपनी की प्रॉपर्टी ईडी ने सीज कर ली है। इस वजह से इसकी भी नीलामी नहीं हो पाई है। अभी तक यह तय नहीं है कि इन कंपनियों की संपत्तियों की नीलामी कब और कैसे होगी? अफसरों का कहना है कि मामला कोर्ट में है।
लोगों और एजेंटों ने किया प्रदर्शन
चिटफंड की रकम समय पर वापस नहीं मिलने की वजह से छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं उपभोक्ता सेवा संघ ने राजधानी में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पंडरी बस स्टैंड में इकट्ठा हुए लोगों ने सरकार और प्रशासन के अफसरों को जमकर कोसा। संघ के अध्यक्ष गगन कुंभकार का कहना है कि अब एक ही नारा बुलंद किया जा रहा है जब तक भुगतान नहीं होगा तब तक मतदान नहीं होगा।
भाजपा और कांग्रेस ने भी चिटफंड कंपनियों का पैसा सरकार बनने पर वापस दिलाने का वादा किया था। लेकिन अभी तक नहीं हुआ है। इसलिए अब छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं उपभोक्ता सेवा संघ सड़क की लड़ाई लड़ने तैयार है।