राजधानी रायपुर में महादेव सट्टा एप मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, 500 करोड़ की संपत्ति जब्त
रायपुर। रायपुर महादेव ऑनलाइन सट्टा एप की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में आरोपियों की करीब 500 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को जब्त कर उसकी पहचान की है। ईडी ने राज्य के राजस्व विभाग से इन संपत्तियों का ब्यौरा प्राप्त किया। इस प्रक्रिया में पटवारी और तहसीलदार के माध्यम से रायपुर और अभनपुर तहसील में स्थित इन संपत्तियों के खसरों को चिन्हित किया गया और उनके क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई। सूत्रों के अनुसार ईडी ने अभनपुर और रायपुर तहसील में 19 स्थानों पर करीब 200 एकड़ भूमि को अटैच किया है। इनमें अभनपुर तहसील के कोलर, खोरपा, सलोनी और छछानपैरी गांव तथा रायपुर तहसील के मुजगहन, टेमरी, छेरीखेड़ी, शंकरनगर और बोरियाखुर्द क्षेत्र शामिल हैं। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत इस मामले की जांच शुरू की थी। आरोप है कि लॉकडाउन के बाद 2020 से इस एप के जरिए सट्टा खिलाकर प्रमोटर्स और उनसे जुड़े अन्य लोग हर महीने लगभग 500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई कर रहे थे। महादेव बुक एप के प्रमोटर्स पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने अवैध कार्यों पर वैधानिक कार्रवाई को रोकने के लिए पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक हस्तियों का समर्थन प्राप्त किया। इसके बदले में, उन्हें नियमित रूप से मोटी रकम प्रोटेक्शन मनी के रूप में दी गई। यह भी सामने आया है कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने इस अवैध धनराशि के वितरण में सहयोग किया। इस प्रक्रिया में कई अधिकारियों और प्रभावशाली व्यक्तियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध संपत्तियां अर्जित कीं। ईडी ने इस मामले में पहले ही कुछ संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया था। इसके आधार पर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भी एफआईआर दर्ज की और 19 लोगों को आरोपी बनाया।
अटैच की गई संपत्तियां