डीईओ ने किया गजब का खेला: युक्तियुक्तकरण के बीच निलंबित शिक्षिका पत्नी को खुद ही बहाल कर आत्मानंद स्कूल में किया पदस्थ

डीईओ ने किया गजब का खेला: युक्तियुक्तकरण के बीच निलंबित शिक्षिका पत्नी को खुद ही बहाल कर आत्मानंद स्कूल में किया पदस्थ

रायपुर।राज्य शासन के कड़े निर्देश और डीपीआई की सख्ती का भी असर खटराल जिला शिक्षाधिकारियों के ऊपर होते दिखाई नहीं दे रहा है। सारंगढ़ बिलाईगढ़ के डीईओ लक्ष्मी प्रसाद पटेल ने गजब का फर्जीवाड़ा किया है। पंचायत चुनाव के दौरान निलंबित शिक्षिका पत्नी सुषमा पटेल के निलंबन बहाली के बाद पूर्व में पदस्थ स्कूल शासकीय माध्यमिक शाला कुटेला के बजाय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट (हिन्दी माध्यम) पूर्व माध्यमिक विद्यालय सारंगढ़ में पदस्थापना आदेश जारी कर दिया। आदेश जारी करने के साथ ही ज्वाइनिंग भी करा दिया है। यह सब कारनामा अतिशेष से बचने किया गया है।

लक्ष्मी प्रसाद पटेल प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़ ने पत्नी को मनचाहे जगह पर पदस्थापना के लिए कलेक्टर को भी अंधेरे में रख दिया है। निलंबन बहाली के बजाय पूर्व की स्कूल के बजाय स्वामी आत्मानंद स्कूल में पदस्थ कर दिया है। इसके लिए कलेक्टर को भी डीईओ ने अंधेरे में रखते हुए आदेश जारी करा लिया है। कलेक्टर की अनुशंसा के बाद डीईओ पटेल ने पत्नी की पदस्थापना के लिए कुछ इस तरह का आदेश जारी किया। डीईओ ने अपने आदेश में लिखा है कि पूर्व माध्यमिक शाला कुटेला वि.ख. सारंगढ़ छात्र संख्या एवं पदस्थ शिक्षक संख्या का विवरण प्रस्तुत करने व कलेक्टर के अनुमोदन पश्चात् उक्त आदेश को संशोधित करन हुए सुषमा पटेस्न शिक्षका को स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट पूर्व माध्यमिक विद्यालय सारंगढ़ (हिन्दी माध्यम) वि.ख. सरंगढ में पदस्थ किया जाता है। पत्नी को अतिशेष से बचाने के लिए डीईओ ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बीच इस तरह का फर्जीवाड़ा किया है। नियम के अनुसार अगर कोई शिक्षक आत्मानंद स्कूल में प्रतिनियुक्ति के लिए अपनी सहमति नहीं दी है या फिर दी है, दोनों ही परिस्थितियों में इसकी जानकारी देनी है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बीच आत्मानंद स्कूल में प्रतिनियुक्ति को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है।

छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग रायपुर के निर्देशानुसार वर्तमान में शालाओं तथा शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया चल र ही है जिसके अंतर्गत शिक्षकों के मूल शाला से अन्य शाला में शिक्षकों के पदस्थापना पर प्रतिबंध लगाया गया है जिसके विपरीत जाकर श्री पटेल के द्वारा अपनी पत्नि श्रीमती सुषमा पटेल शिक्षक (एल.बी.) को 29 अप्रैल 2025 को संदर्भित पत्र के तहत् स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट (हिन्दी माध्यम) पूर्व माध्यमिक विद्यालय सारंगढ़ में पदांकित किया गया है।

डीइओ के द्वारा कलेक्टर के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि छात्र संख्या को दृष्टिगत रखते हुए श्रीमती पटेल को उक्त शाला में पदांकित किया जाना उचित प्रतीत होता है, जो कि आपत्तिजनक है, क्योंकि वर्तमान में कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी सारंगढ़ द्वारा जारी सूची के आधार पर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कुटेला में 01 शिक्षक की मांग/आवश्यकता दर्शायी जा रही है। इसका सीधा आशय यह है कि डीईओ के द्वारा आपको गुमराह करते हुए शासकीय सेटअप के विपरीत जाकर अपनी पत्नि श्रीमती पटेल को सेजेस विद्यालय में पदांकित किया गया है।

. डीईओ द्वारा जारी उक्त आदेश के कारण शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कुटेला में विषय विज्ञान के शिक्षक का पद रिक्त हो गया है जो कि आपत्तिजनक है। इससे यह स्पष्ट है कि डीईओ के द्वारा अपने अधिकारों का अतिक्रमण करते हुए तथा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए मनमाने ढंग से अपनी पत्नि को सेजेस सारंगढ़ में पदांकित किया गया है।

जिले अंतर्गत ऐसे कई शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला है, जो कि शिक्षक विहीन हैं। यदि किन्हीं कारणों से श्रीमती पटेल को उनके मूल शाला से हटाया जाना अति आवश्यक था उस स्थिति में इन्हें जिले अंतर्गत ऐसे शिक्षकविहीन शाला में पदस्थ क्यों नहीं किया गया ?

. सारंगढ़ विकासखंड अंतर्गत ऐसे कई शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला है, जो कि एकल शिक्षकीय है। क्या ऐसे शालाओं में शिक्षक की व्यवस्था किया जाना आवश्यक नहीं है ?

प्रदेश के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट (हिन्दी माध्यम) विद्यालय में प्राचार्य एवं शिक्षकों की नियुक्ति केवल प्रतिनियुक्ति के माध्यम से राज्य शासन के द्वारा किया ताता है। इसके विपरीत जाकर डीईओ पटेल के द्वारा अपने अधिकारों का अतिक्रमण करते हुए अपनी पत्नि सुषमा पटेल को उक्त संस्था में पदांकित किया गया है।

छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट (हिन्दी माध्यम) पूर्व माध्यमिक विद्यालय हेतु केवल 02 शिक्षक के पद स्वीकृत हैं जिसपर 02 शिक्षक राज्य शासन द्वारा पूर्व से ही प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत् हैं। उक्त संस्था में शिक्षक की व्यवस्था प्राचार्य सेजेस सारंगढ़ द्वारा सुनिश्चित किया जाना है किन्तु डीईओ के द्वारा अनावश्यक रूप से अपने व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से पत्नी सुषमा पटेल को शासन के नियमों के विपरीत जाकर पदांकित किया गया है।

डीईओ ने कलेक्टर को यह तर्क दिया कि छात्र संख्या के आधार पर शिक्षक संख्या केवल 02 होने के कारण सुषमा पटेल को पदांकित किया जाना उचित प्रतीत होता है। जबकि अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम का संचालन उक्त संस्था में पदस्थ शिक्षकों के प्राचार्य द्वारा निर्धारित व्यवस्था के अंतर्गत किया जा रहा है।

पटेल के द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट (अंग्रेजी माध्यम) पूर्व माध्यमिक विद्यालय सारंगढ़ की शिक्षिका मोनिका राठौर (संविदा) को 28 मार्च 2025 के आदेश के द्वारा छात्रवृत्ति संबंधी कार्यों हेतु अपने कार्यालय में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। उक्त आदेश के परिपालन में श्रीमती राठौर उक्त तिथि से अपने विद्यालय में उपस्थिति नहीं दे रही है। जिसका आशय यह है कि उक्त संस्था में शिक्षक व्यवस्था पर्याप्त है एवं कक्षाएं सुचारू रूप से संपन्न हो रही हैं।

उक्त विद्यालय से डीईओ कार्यालय की दूरी लगभग 200 मीटर है। आवागमन की दृष्टि से तथा अपनी पत्नि सुषमा पटेल को निकट के विद्यालय में पहुंचाने हेतु अपनी सुविधा अनुसार उनका पदांकन उक्त संस्था में किया गया है।

जिले अंतर्गत ऐसे कई माध्यमिक शाला हैं जिनमें कार्यरत् शिक्षकों का निकट भविष्य में सेवानिवृत्त तिथि निर्धारित है जिसके उपरांत ऐसे शालाओं में शिक्षक की व्यवस्था किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

निलंबन के बाद बहाली और ऐसे चला पदस्थापना का खेल

सुषमा पटेल को निलंबन उपरांत सर्वप्रथम शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला सारंगढ़ (शहरी क्षेत्र अंतर्गत) में बहाल किया गया जहां पूर्व से ही 07 शिक्षक कार्यरत् होने के कारण आपके द्वारा पुनः मूल शाला शास. पूर्व माध्यमिक शाला कुटेला में पदांकित किया गया है जिसके विरूद्ध जाकर डीईओ के द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम पूर्व माध्यमिक शाला में पदांकित किया गया है।

इस तरह चल रहा खेला

1) किसी भी शिक्षक को जो निलंबित है उसे ग्रीष्म अवकाश के ठीक पहले बहाल करने की आवश्यकता ही नहीं है, यदि उसकी बहाली करनी भी है तो फिर शैक्षणिक सत्र 16 जून के बाद होनी चाहिए । जिस प्रकार बिलासपुर और रायगढ़ में जिला शिक्षा अधिकारियों ने बहाली का खेल खेला है वह साफ बताता है कि जानबूझकर गड़बड़ी की गई है । शिक्षक ग्रीष्मकालीन अवकाश में घर बैठकर पूरा वेतन प्राप्त करें इसकी व्यवस्था बनाई गई है ।

2) युक्तियुक्तकरण के ठीक पहले जिला शिक्षा अधिकारी और जेडी कार्यालय से बहाली का खेल खेला जा रहा है और गंभीर मामलों में निलंबित हुए शिक्षकों को भी बुलाकर बहाल किया जा रहा है स्वाभाविक है इसके पीछे पैसे का पूरा खेल है जिसका आरोप शिक्षक संघ पहले ही लगा चुका है।

3) गंभीर लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर जब तक निलंबन और विभागीय जांच की गाज नहीं गिरेगी और ऐसे अधिकारियों को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से बाहर नहीं रखा जाएगा तब तक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का सही ढंग से होना संभव ही दिखाई ही नहीं दे रहा है।