छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने सत्ता में आने के बाद नया विभाग बनाया

छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने सत्ता में आने के बाद नया विभाग बनाया

छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने सत्ता में आने के बाद नया विभाग बनाया है। नाम है सुशासन एवं अभिसरण (गुड गवर्नेंस एंड कन्वर्जेंस)। अभी तक प्रदेश में 57 विभाग थे, यह 58वां होगा। भास्कर बताने जा रहा है कि ये विभाग कैसे और क्या करेगा। इस विभाग का दखल दूसरे सभी 57 विभाग में होगा। उन विभागों में जनता को क्या समस्याएं आ रही हैं, उनके समाधान पर यह विभाग सीधे काम करेगा।सरकारी तंत्र में लेटलतीफी और रिश्वत मामलों को निपटाने का जिम्मा भी इसका रहेगा। ये ऐसे सिस्टम जनरेट करेगा कि कोई अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं पाएगा। अभी इस विभाग की जिम्मेदारी आईपीएस राहुल भगत को दी गई है। उन्होंने हर विभाग से ऐसी फाइलें मंगवाना शुरू कर दिया है, जिनमें लोगों को समस्या आ रही है।भगत बताते हैं कि विभाग ने जनदर्शन जैसे कार्यक्रम शुरू कर दिए है। अटल पो​र्टल नाम का डैशबोर्ड भी बनकर तैयार हो गया है। इसमें हर योजना की एक-एक जानकारी होगी। हर योजना के लिए की परफार्मेंस इंडिकेटर (केपीआई) तैयार किए जा रहे हैं। इस आधार पर जिले की समीक्षा की जाएगी। आगे कलेक्टर की परफार्मेंस रिपोर्ट भी केपीआई के आधार पर तय होगी।छत्तीसगढ़ पहला प्रदेश होगा जहां सरकारी तंत्र में पारदर्शिता, तत्परता और जिम्मेदारी के लिए केपीआई तैयार की जा रही है। हर योजना की केपीआई में 10 से लेकर 200 तक इंडिकेटर हो सकते हैं। इसमें नंबर दिए जाएंगे। उदाहरण के तौर पर मानिए पीएम आवास के लिए 20 इंडिकेटर तय किए गए। जैसे कितने आवास बन रहे हैं, समय सीमा पर बने या नहीं, राशि का भुगतान हुआ या नहीं, क्वालिटी चेक करने कोई गया या नहीं इत्यादि।इन सभी इंडिकेटर पर जो जिला अच्छा परफार्म करेगा उसे ईनाम के तौर पर सरकार सम्मानित भी करेगी। केंद्र और राज्य की हर योजना की केपीआई चिप्स और सुशासन विभाग मिलकर तैयार कर रहा है। डैशबोर्ड में यह सभी शामिल होंगे। यानी एक क्लिक पर सीएम लेकर मंत्री तक किसी भी योजना की रिपोर्ट ले पाएंगे। इसके साथ ही सुशासन विभाग थर्ड पार्टी और कॉल सेंटर से आंकड़ों को रीचेक भी करवाएगा। जिससे सरकार को हमेशा सही आकड़े ही पता हो।लोक गारंटी अधिनियम के तहत 90 जनता के जुड़ी सुविधाओं को डिजिटलीकरण करने का काम भी यह विभाग करेगा। केंद्र की तरह राज्य में विभागों की फाइलों को डिजिटल मोड में लाने की तैयारी है। इससे स्टेशनरी का खर्चा तो बचेगा ही, कर्मचारियों की दौड़ भी बंद होगी। किस अधिकारी के पास कौन सी फाइल कितने दिनों से पेंडिंग है, यह भी आसानी से नजर आएगी। इसके साथ ही हर सरकारी विभाग में डिजिटल अटेंडेंस की शुरुआत होने वाली है। इसके लिए ह्यूमन रिसोर्स सिस्टम तैयार किया जा रहा है।