दुर्ग में शुरू हुआ स्वच्छ गणेशोत्सव अभियान 2025, ‘स्वच्छतम पंडाल प्रतियोगिता’ से बढ़ेगी जागरूकता

दुर्ग/स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के अंतर्गत नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत शहर में इस वर्ष स्वच्छ गणेशोत्सव अभियान 2025 का आयोजन किया जा रहा है। 27 अगस्त से 09 सितम्बर 2025 तक चलने वाले इस राज्यव्यापी अभियान के तहत दुर्ग नगर पालिक निगम ने भी कई अभिनव गतिविधियाँ शुरू की हैं। राज्य शासन के आदेश के बाद महापौर श्रीमती अलका बाघमार एवं आयुक्त सुमित अग्रवाल के निर्देश पर स्वच्छतम गणेशोत्सव पंडाल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पंडालों को उनकी स्वच्छता व्यवस्था और अपशिष्ट प्रबंधन के आधार पर आंका जाएगा। विजेता पंडाल समितियों को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे।
अभियान का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ, ग्रीन और सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त गणेशोत्सव सुनिश्चित करना है। हर साल गणेशोत्सव के दौरान शहरों में बड़ी संख्या में अस्थायी पंडाल और भीड़-भाड़ वाले आयोजन होते हैं, जिससे कचरे की मात्रा बढ़ जाती है। इस बार राज्य सरकार और नगरीय निकायों ने मिलकर इस चुनौती को अवसर में बदलने का संकल्प लिया है।
प्रमुख गतिविधियाँ और दिशा-निर्देश
1️⃣ स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन
- गणेशोत्सव समितियों को पंडाल और आसपास की स्वच्छता सुनिश्चित करनी होगी।
- हर पंडाल में गीला और सूखा कचरा अलग करने के लिए दो डस्टबिन रखना अनिवार्य होगा।
- फूलों के अपशिष्ट के लिए अलग पात्र (Flower Waste Bin) रखना होगा, जिससे इनका उपयोग खाद बनाने या पुन: प्रयोग में किया जा सके।
- पंडाल क्षेत्र में विशेष श्रमदान कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
2️⃣ सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक
- प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ जन-जागरूकता चलाई जाएगी।
- समितियों और नागरिकों से अपील की जाएगी कि वे सजावट और प्रसाद वितरण में पर्यावरण हितैषी सामग्री का उपयोग करें।
3️⃣ सामुदायिक भागीदारी
- अभियान में गणेशोत्सव समितियों के साथ-साथ बाजार संघ, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, स्वयं सहायता समूह, धार्मिक-सामाजिक संगठन, यूथ क्लब और आवासीय संघ भी शामिल होंगे।
- इससे यह अभियान सिर्फ स्वच्छता तक सीमित न रहकर जनआंदोलन का रूप लेगा।
4️⃣ वोकल फॉर लोकल
- पंडालों में स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
- सजावट और उपयोग की वस्तुओं में पारंपरिक एवं हस्तनिर्मित सामग्री को प्राथमिकता दी जाएगी।
5️⃣ स्वच्छ फूड स्ट्रीट
- त्योहार के दौरान स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को स्वच्छता के मानक अपनाने होंगे।
- उन्हें ढक्कन युक्त डस्टबिन, स्वच्छ पैकेजिंग सामग्री और पर्यावरण अनुकूल बर्तनों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- उद्देश्य यह है कि श्रद्धालु और आगंतुक स्वच्छ वातावरण में स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का आनंद ले सकें।
6️⃣ वेस्ट टू आर्ट प्रदर्शनी
- पंडाल स्थलों पर “कचरे से कला” (Waste to Art) प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
- इससे नागरिकों को यह संदेश मिलेगा कि सही प्रबंधन से कचरे को भी उपयोगी और सुंदर बनाया जा सकता है।
7️⃣ संचालन और निगरानी
- प्रत्येक नगरीय निकाय में अभियान की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
- शहर में रात्रिकालीन सफाई के लिए विशेष सफाई दल का गठन होगा।
- पंडालों और प्रमुख बाजार क्षेत्रों पर निगम की टीम नियमित निरीक्षण करेगी।
प्रतियोगिता और पुरस्कार
दुर्ग नगर निगम द्वारा आयोजित “स्वच्छतम गणेशोत्सव पंडाल प्रतियोगिता” में पंडालों की स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्त आयोजन और सामाजिक भागीदारी जैसे मानकों पर मूल्यांकन होगा। श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली समितियों को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया जाएगा।
स्वच्छ और ग्रीन गणेशोत्सव की दिशा में बड़ा कदम
नगर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने कहा कि यह पहल न केवल साफ-सुथरे पंडाल और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करेगी, बल्कि यह अभियान लोगों की सोच और आदतों में भी बदलाव लाएगा। श्रद्धालुओं और आयोजकों के सहयोग से यह अभियान आने वाले वर्षों में “पर्यावरण मित्र और ग्रीन गणेशोत्सव” की परंपरा स्थापित करेगा। इस तरह दुर्ग ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में यह अभियान स्वच्छता और जन-जागरूकता की नई मिसाल बनेगा।