पुलिस अफसर बनकर झांसा दे रहे ठग, ठगी करने का नया पैंतरा
रायपुर।राजधानी के लोगों को ठग अब पुलिस अफसर बनकर झांसा दे रहे हैं। फोन पर लोगों को उनके बेटे और भाई को हत्या या दुष्कर्म जैसे केस में फंसाने की धमकी देकर पैसे मांगे जा रहे हैं। इस तरह की घटनाएं पिछले एक हफ्ते में अचानक बढ़ी हैं। करीब सौ से ज्यादा लोगों को धमकी भरे फोन किए गए हैं।किसी से कहा जा रहा है मैं क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूं, किसी से कहा जा रहा मैं दिल्ली सीबीआई से। किसी को टिकरापारा, किसी को सिविल लाइन और किसी को पुरानी बस्ती थानेदार के नाम से फोन पर कहा जा रहा है, आपका बेटा दुष्कर्म करने वालों के साथ पकड़ा गया है। किसी से कहा जा रहा चाकूबाजी हो गई है, आपका बेटा चाकू मारने वालों के साथ खड़ा था। वह भी पकड़ा गया है। उसके बाद केस से बचाने के एवज में पैसे मांगे जा रहे हैं।फोन करने वाले ठग मिनटों की बातचीत में ऐसा उलझा रहे हैं कि लोग अपने बेटे और दूसरे रिश्तेदारों को फोन कर सच्चाई जानने का प्रयास भी नहीं करते और आनन-फानन में उनके खातों में पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं। फोन करने वाले ठग दो लाख से डिमांड शुरू करते हैं। उसके बाद हजारों में पहुंच जाते हैं। यहां तक कि 5-7 हजार तक उसी समय ट्रांसफर करवा लेते हैं।राजधानी में एजेंसी चलाने वाले एसपी सिंग के पास मो. 9118054.. नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का डीएसपी पंकज विक्रम बताया। उसकी डीपी में भी पुलिस अधिकारी की फोटो लगी थी। उसने कारोबारी को सीधे नाम से पुकारा और कहा कि रायपुर में एजेंसी चलाते हो। तुम्हारा बेटा दो लड़कों के साथ गलत काम करते हुए पकड़ा गया है। उसे थाने में बिठाया गया है। दो लाख लगेंगे अगर देते हो तो बेटे को बचा देंगे। सिंह ने हड़बड़ाकर फोन काट दिया। तुरंत घर पर बात की। उनका बेटा घर पर भोजन कर रहा था।हैलो… आप अकरम साहब बोल रहे हैं। हां। आपके दो बेटे हैं। हां। एक बेटे की शादी हो गई है। हां। दूसरा छोटा है। हां। वही पकड़ा गया है तेलीबांधा तालाब के पास। लो बात कर लो। फिर फोन पर रोने की आवाज आई। अब्बा मुझे बचा लो। उसके बाद फिर ठग ने फोन ले लिया।कहा बचाना है तो एक लाख 80 हजार लगेंगे। इस दौरान अकरम और उनके घर वाले बुरी तरह डर गए। ठग ने कहा आपके खाते में कितने पैसे हैं। अकरम ने कहा अभी तो 20 हजार हैं। हां तो उसे तुरंत ट्रांसफर करो। अकरम ने बेटे को कॉल भी नहीं किया। तुरंत खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान उनकी पत्नी ने बेटे को कॉल लगाया तो पता चला वह अपने कारखाने में बैठा हिसाब चेक कर रहा था।साइबर थाना पुलिस ने आधा दर्जन केस की जांच के बाद पुणे, कोलकाता और इंदौर में छापा मारकर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खाते में 70 लाख रुपए होल्ड कराए गए हैं। आरोपियों से मोबाइल, सिम और खाते के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि पचपेड़ी नाका का प्रेम चंद्राकर(22) दो साल पहले काम करने पुणे गया।वहां ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के संपर्क में आया। उनके पास 15 दिनों की ट्रेनिंग ली। फिर उनके साथ काम करने लगा। पिछले एक साल से खुद का गिरोह चला रहा है। वह गूगल में रिव्यू करने व टास्क पूरा करने पर दोगुने पैसा देने का झांसा देता है। उसने ठगी के पैसे से पुणे में अच्छी प्रॉपर्टी बनाई है। वह 25 लाख की महंगी कार में घूमता है।पुलिस ने उसके गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने रायपुर की श्वेता मेहरा को शेयर मार्केट में निवेश का झांसा 8 लाख से ज्यादा की ठगी की है। इसी तरह रश्मि सिंह से ठगी करने वाले सोमनाथ सरदार को कोलकाता में पकड़ा गया है। इस मामले में गुजरात, चेन्नई, कोलकाता से चार आरोपी पहले पकड़े जा चुके हैं। रश्मि से 88 लाख रुपए की ठगी हुई थी। पुलिस ने 57 लाख रुपए होल्ड कराया है।