छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने आईपीएस जीपी सिंह को बड़ी राहत देते हुए तत्कालीन सरकार में उनके खिलाफ लगे राजद्रोह के मामले में सभी प्रोसिडिंग को रद्द कर दी

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने आईपीएस जीपी सिंह को बड़ी राहत देते हुए तत्कालीन सरकार में उनके खिलाफ लगे राजद्रोह के मामले में सभी प्रोसिडिंग को रद्द कर दी

रायपुर।  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने आईपीएस जीपी सिंह को बड़ी राहत देते हुए तत्कालीन सरकार में उनके खिलाफ लगे राजद्रोह के मामले में सभी प्रोसिडिंग को रद्द कर दी है।आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग केस में फंसे IPS जीपी सिंह को हाईकोर्ट से राहत मिल गयी है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की बेंच ने उनके खिलाफ दर्ज तीनों FIR को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस तरह से परेशान करने के लिए झूठे केस दर्ज कर फंसाया गया है। किसी भी केस में उनके खिलाफ ठोस सबूत नहीं है।आपको बता दें कि कैट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने आईपीएस जीपी सिंह की बहाली की अपनी तरफ से हरी झंडी पहले ही दे दी है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता से इस बारे में उनकी राय मांगी थी। बताते हैं, महाधिवक्ता ने अपनी टीप में लिखा है कि, इस केस में कैट के फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई तुक नहीं है। महाधिवक्ता की टिप्पणी के साथ राज्य सरकार ने फाइल पिछले सप्ताह भारत सरकार को भेज दिया। चूकि, आईपीएस का मसला मिनिस्ट्री ऑफ होम में आता है और इसी ने फोर्सली रिटायमेंट की कार्रवाई की थी। सो, पोस्टिंग का आदेश भी यही विभाग निकालेगा।इसमें 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ कई संवेदनशील दस्तावेज मिले का आरोप लगाया गया था। इसके बाद एसीबी ने जीपी सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। वहीं दूसरी ओर सरकार ने पांच जुलाई 2021 को उन्हें सस्पेंड कर दिया और आठ जुलाई 2021 की रात को उनके खिलाफ कोतवाली थाने में राजद्रोह का केस दर्ज कराया था।आरोप था कि जीपी सिंह सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे। नौ जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआइ जांच की मांग की थी। मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें मई 2022 में जमानत मिली थी।