बसंत पंचमी पर इस बार दो शुभ योग, सरस्वती पूजा से बढ़ेगी विद्यार्थियों की बुद्धि! जानें मुहूर्त, तिथि, विधि

बसंत पंचमी पर इस बार दो शुभ योग, सरस्वती पूजा से बढ़ेगी विद्यार्थियों की बुद्धि! जानें मुहूर्त, तिथि, विधि

हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का बहुत खास माना जाता है. खासकर विद्यार्थियों के लिए बसंत पंचमी का पर्व अति शुभ होता है. इस दिन छात्र माता सरस्वती की विधि विधान के साथ पूजा करते हैं, जिससे उनके ऊपर मां की विशेष कृपा बरसती है. बसंत पंचमी का पर्व कला, विद्या, ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित होता है.

माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा आराधना करने से माता लक्ष्मी और माता काली, माता पार्वती भी प्रसन्न होती हैं. वहीं, इस साल सरस्वती पूजा की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. तो चलिए, देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि सरस्वती पूजा फरवरी महीने की किस तारीख को है?

बसंत ऋतु का होगा आगमन
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुद्गल ने बताया कि बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, इसलिए 2024 में बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा का पर्व 14 फरवरी को मनाया जाएगा. बसंत पंचमी से शरद ऋतु का अंत और बसंत ऋतु का आगमन माना गया है. इस दिन छात्र अगर माता सरस्वती की विधि विधान के साथ पूजा आराधना करें तो उनके जीवन में सकारात्मक परिणाम आते हैं. छात्रों को पढ़ाई में मन लगता है और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने में सफलता मिलती है.

कब से शुरू हो रही पंचमी तिथि?
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, 14 फरवरी को पंचमी तिथि में सरस्वती पूजा की जाएगी, लेकिन पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी की दोपहर 3 बजकर 12 मिनट से होने जा रही है. समापन अगले दिन यानी 14 फरवरी को शाम 5 बजकर 34 मिनट पर होगा. इसलिए उदया तिथि के अनुसार 14 फरवरी को ही सरस्वती पूजा की जाएगी. वहीं, इस दिन रवि योग और अमृत योग का भी निर्माण होने जा रहा है. सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को 12 बजकर 30 मिनट से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है.

कैसे करें पूजा
सरस्वती पूजा के दिन सुबह स्नान कर पीला वस्त्र पहनकर पूजा का संकल्प लें. वहीं, शुभ मुहूर्त में माता सरस्वती की पूजा करें. पूजा के वक्त पीला फूल, सफ़ेद चंदन, अक्षत, पीले रंग की रोली, पीला गुलाब, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें. सरस्वती पूजा के दिन सरस्वती वंदना के साथ ही सरस्वती कवच का पाठ करें. इससे छात्रों को पढ़ाई मे मन लगेगा और सकरात्मक रिजल्ट आएगा.