मां ने निकाल दिया था घर से बाहर

मां ने निकाल दिया था घर से बाहर

नई दिल्ली। रंजीत हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में दिग्गज अभिनेताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने अपने एक्टिंग करियर में लगभग 200 फिल्मों में काम किया है। रंजीत ने फिल्मों ने नेगेटिव किरदार ही निभाए, लेकिन फिर भी हीरो को टक्कर दे गए। फिल्म में अगर हीरो की वाहवाही हुई, तो विलेन के किरदार में रंजीत ने दर्शकों के मन में नफरत भी पैदा की। हालांकि, अदाकारी में ये बारीकी उन पर ही भारी पड़ गई।

पर्दे पर किए गए काम की वजह से रंजीत से लोग असल जिंदगी में चिढ़ने लगे थे, लेकिन एक बार तो बात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि उन्हें घर से बेघर होना पड़ा।

जब भारी पड़ी विलेन इमेज

रंजीत फिल्मों अभिनेत्रियों के साथ छेड़- छाड़ और कई बार शोषण के सीन करते थे। ऐसे में एक बार एक्टर एक फिल्म पर उनके घर में घमासान मच गया और रंजीत की मां ने उन्हें घर से बाहर कर दिया। घर में एंट्री पर लगे बैन से रंजीत इतने परेशान हो गए कि उन्हें उस अभिनेत्री के पास जाकर अपनी मां से बात करने के लिए मनाना पड़ा।

रंजीत का ये सीन देखकर भड़क गया था परिवार

रंजीत ने अपने एक इंटरव्यू में घर से बेघर किए जाने वाले किस्से को शेयर किया था। उन्होंने बताया कि 1971 में फिल्म शर्मीली रिलीज हुई थी। इस फिल्म में राखी और शशि कपूर लीड रोल में थे। रंजीत अपने परिवार को शर्मीली दिखाने थिएटर लेकर गए। फिल्म में रंजीत के साथ राखी का एक सीन था, जिसमें वो अभिनेत्री के कपड़े फाड़ देते हैं। अब जब उनका परिवार फिल्म देखकर घर लौटा, तो महाभारत शुरू हो गई।

मां ने घर में एंट्री की बैन

रंजीत की मां ने उन्हें घर में घुसने नहीं करने दिया और कहा कि निकल जा तू इस घर से। तेरी हिम्मत कैसे हुई घर के अंदर आने की। तू लड़कियों के कपड़े फाड़ता है, ये किस तरह का काम। अब हैरान परेशान रंजीत, राखी के पास पहुंचे और अपनी मां से बात करने के लिए कहा। जब राखी, रंजीत के मां के पास पहुंची, तो अभिनेत्री को देखकर रोने लगी और अपने बेटे की करतूत के लिए माफी मांगने लगी। फिर राखी ने उन्हें समझाया कि फिल्म में जो कुछ भी हुआ, वो सिर्फ एक्टिंग था।

राखी को देख रो पड़ीं रंजीत की मां

रंजीत ने किस्से के बारे में बात करते हुए कहा, राखी जी बेहद खूबसूरत थीं। मेरी मां उन्हें देखकर रोने लगीं और कहा- सत्यानाश हो मेरे पुतर दा। मैं माफी मांगती हूं तुझसे। राखी ने उन्हें समझाया कि हम अच्छे दोस्त हैं। तब जाकर उन्होंने मुझे अपनाया।