स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के लिए जिले में तैयारी जोरों पर, अब तक 30 हजार नागरिक फीडबैक दर्ज

दुर्ग/ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 का आयोजन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। सर्वेक्षण कार्य के लिए केंद्र सरकार ने एकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, एएमएस लखनऊ को स्वतंत्र एजेंसी के रूप में चयनित किया है, जो अगस्त माह से दुर्ग जिले में फील्ड सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ करेगी।
इस राष्ट्रीय सर्वेक्षण के तहत ग्राम पंचायतों में स्वच्छता और साफ-सफाई का मूल्यांकन कर रैंकिंग तय की जाएगी, जो न केवल जिले की बल्कि राज्य और देश की रैंकिंग को भी प्रभावित करेगी। इसी क्रम में जिला प्रशासन द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जा रहा है ताकि आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित हो सके और जिले को बेहतर रैंक प्राप्त हो।
*दीवार लेखन के माध्यम से जागरूकता -*
कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह एवं जिला पंचायत सीईओ श्री बजरंग दुबे के मार्गदर्शन में जिले की सभी ग्राम पंचायतों के पंचायत भवनों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, सामुदायिक शौचालयों एवं अन्य सार्वजनिक भवनों में एसएसजी-2025 का लोगो एवं स्वच्छता संदेशों का दीवार लेखन कार्य पूर्ण कर लिया गया है। प्रत्येक पंचायत में 5 से 10 प्रकार के दीवार लेखन कराए गए हैं।
*फीडबैक में जनता की भागीदारी -*
स्वच्छ सर्वेक्षण के अंतर्गत अब तक जिले में लगभग 30 हजार नागरिक फीडबैक दर्ज किए जा चुके हैं। इसमें जनपद पंचायत धमधा ने सबसे अधिक 13 हजार फीडबैक, पाटन से 10 हजार और दुर्ग जनपद से 7 हजार फीडबैक शामिल हैं। यह फीड बैक स्वच्छाग्रही, स्वच्छता समूह और बिहान योजना से जुड़ी महिलाओं के सक्रिय सहयोग से एकत्रित किए जा रहे हैं।
*मोबाइल के माध्यम से ग्रामीण दे रहे फीडबैक -*
ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायकों के सहयोग से ग्रामीणों को मोबाइल के माध्यम से फीडबैक देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने 30 जुलाई तक अधिकतम फीडबैक प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिले के सभी विभागों के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत मैदानी अमलों को अधिक से अधिक फीडबैक करवाने के लिए निर्देशित किया गया है।