नक्सली मुठभेड़ में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने वाले जवान का प्रमोशन, नक्सलवाद का रास्ता छोड़ बने थे पुलिस कर्मी

नक्सली मुठभेड़ में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने वाले जवान का प्रमोशन, नक्सलवाद का रास्ता छोड़ बने थे पुलिस कर्मी

नारायणपुर। वर्ष 2018 में गुमियाबेड़ा पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने वाले आरक्षक नवीन उर्फ कमलू नुरेटी को मिला क्रम से पूर्व पदोन्नति मिली है।पदोन्नत प्रधान आरक्षक, पूर्व में डीव्हीसी मेम्बर, एलओएस कमाण्डर एवं अन्य पद पर नक्सल संगठन में कार्यरत था।वर्ष 2013 में आत्मसमर्पण पश्चात छ.ग. शासन की पुर्नवास नीति के तहत् आरक्षक के पद पर नियुक्ति दी गई थी।

  जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत संचालित नक्सल विरोधी अभियान में अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय देने वाले जवान नवीन उर्फ कमलू नुरेटी को क्रम से पूर्व पदोन्नति का आदेश पूर्व में पुलिस मुख्यालय रायपुर द्वारा जारी किया गया था, जिसके परिपालन में आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा(भापुसे), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निखील राखेचा(भापुसे) द्वारा नवीन उर्फ कमलू नुरेटी को लाल फित्ती लगाकर आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया है। ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में गुमियाबेड़ा क्षेत्र में पुलिस बल द्वारा नक्सल विरोधी अभियान के दौरान पुलिस नक्सल मुठभेड़ में पांच नक्सलियों को मार गिराया गया था। उक्त घटना में आरक्षक कमलू नुरेटी को क्रम से पूर्व पदोन्नत किया गया है।  

 विदित हो कि नवीन उर्फ कमलू नुरेटी मूलतः गाड़ावाही (कोहकामेटा) का निवासी है जो वर्ष 2000 से नक्सल संगठन में शामिल हुआ एवं कोहकामेटा एवं करेलघाटी एलओएस में सक्रिय सदस्य तथा नेलनार एलओएस कमाण्डर एवं जनताना सरकार अध्यक्ष, नेलनार एरिया कमेटी का सचिव एवं माड़ डिवीजन में डीव्हीसी मेेम्बर के रूप में कार्य किया था। छ.ग. शासन की आत्मसमर्पण पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर एवं नक्सलियों के स्थानीय आदिवासियों के साथ भेदभाव एवं खोखली विचारधारा से तंग आकर नवीन उर्फ कमलू नुरेटी के द्वारा वर्ष 2013 में नारायणपुर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। आत्मसमर्पण पश्चात छ.ग. शासन की पुर्नवास नीति के तहत् जिसे शासकीय योजनाओं का लाभ एवं आरक्षक के पद पर शासकीय नौकरी दिया गया था।