साइबर फ्रॉड की संख्या में आयी तेजी, आप 1930 पर कॉल करके कर सकते है शिकायत दर्ज
साइबर क्राइम दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। आए दिन कई लोग इसका शिकार होते हैं। हैकर्स पलक झपकते ही लोगों का बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं। साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने लोगों को राहत देने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इस नंबर पर शिकायत करने के बाद आपको अपने साथ हुए फ्रॉड की जानकारी देनी होगी। जिसके बाद साइबर क्राइम सेल इस पर कार्रवाई करेगा।
हेल्पलाइन नंबर
अगर पिछले दिनों में आप भी किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड के शिकार हुए हैं तो आप आसानी से इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। कई बार अनजान लिंक पर क्लिक करते ही हम फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा यूपीआई लिंक पर क्लिक करने से भी हैकर्स बैंक अकाउंट हैक कर देते हैं।
गृह मंत्रालय ने 1930 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। यह नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन नंबर है। इस पर आपको अपना मोबाइल नंबर, नाम, मर्चेंट का नाम (जिसके अकाउंट में राशि डेबिट हुई) आदि जानकारी देनी होगी।
अगर डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के जरिये फ्रॉड होता है तब आपको कार्ड नंबर, ट्राजेक्शन का स्क्रीन शॉट या फिर फ्रॉड से जुड़े कोई भी डॉक्यूमेंट देना होगा। यह सब जानकारी देने के बाद आपके फोन और ई-मेल के सिस्टम में एक लॉग-इन आईडी या रिसिप्ट नंबर आएगा। शिकायत दर्ज होने के बाद इस पर कार्रवाई शुरू हो जाती है।
अभी तक करोड़ो लोगों को इस हेल्पलाइन के जरिये उनकी राशि वापस मिली है। आपको बता दें कि इस नंबर पर आपसे बैंक से जुड़ी कोई भी पर्सनल जानकारी नहीं मांगी जाती है।
साइबर फ्रॉड से कैसे बचें
आप को कभी भी अपनी बैंक अकाउंट डिटेल्स हर शॉपिंग वेबसाइट पर नहीं देना चाहिए। अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं तो आप सभी वेबसाइट पर एक कार्ड डिटेल्स दें।
आपको समय-समय पर अपना पासवर्ड बदल देना चाहिए। इसके अलावा आप यूनिक पासवर्ड सेट करें। एक यूनिक पासवर्ड आपके अकाउंट को ज्यादा सिक्योर करता है।
कस्टमर केयर के नाम से कोई भी कॉल आता है तो आपको उन्हें कभी भी ओटीपी, बैंक अकाउंट, डेबिट क्रेडिट कार्ड जैसी कोई जानकारी नहीं देनी चाहिए। यह फ्रॉड कॉल्स भी हो सकता है।
आप कभी भी अपने कार्ड का पिन, ओटीपी किसी को शेयर ना करें। कई बार लोग अपने पिन शेयर करते हैं जिसके बाद उनके साथ फ्रॉड हो जाता है।
फोन पर कई तरह के अनजान लिंक के मैसेज आते हैं। आपको कभी भी उन लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। यह फिशिंग लिंक भी हो सकता है।
यूपीआई ऐप्स पर आपको सभी अकाउंट लिंक नहीं करना चाहिए। आप एक ही अकाउंट लिंक करें और उसमें एक निश्चित राशि रखें। अगर आप सभी अकाउंट की डिटेल्स यूपीआई ऐप्स में देते हैं तो यह फ्रॉड की संभावना को बढ़ा सकता है।