21 मई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता
हाल ही में एक चायवाले से बिल गेट्स मिलने भारत तक पहुंचे थे। सोशल मीडिया पर टी लवर्स से जुड़े मीम भी जमकर वायरल होते हैं। हर शहर में एक-दो चाय वाले ऐसे होते हैं जो वहां फेमस हो जाते हैं। आज आपको बताते हैं छत्तीसगढ़ के एजुकेशन हब कहे जाने वाले भिलाई के कुछ चाय वालों के किस्से, जहां लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। 21 मई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है। 21 दिसंबर, 2019 को इस प्रस्ताव को अपनाया गया था। इसका उद्देश्य दुनिया भर में चाय के लंबे इतिहास को संजोने के साथ ही इस व्यापार से जुड़े श्रमिकों पर ध्यान आकर्षित करना है।बनारसी चाय दुकान जो बन गई 'बनारसी चौपाटी'
पावर हाउस के पास निगम की ओर से बनाई गई चौपाटी में एक बनारसी चाय की दुकान है। इस चाय की दुकान में नागेश्वर तिवारी पिछले 35 साल से चाय बनाते आ रहे हैं। पहले वे एक छोटे से ठेले में चाय बनाते थे, लेकिन अब चाय का स्वाद इतना फेमस है कि, सुबह शाम दुकान में सैकड़ों लोग चाय के लिए इंतजार भी कर लेते हैं।
उनका कहना है कि, मुझे याद नहीं लेकिन अंदाजन देखा जाए तो 4-5 हजार कप चाय तो जरूर बन जाती होगी। जिस चौपाटी में बनारसी चाय की दुकान स्थित है वहां बनारसी पान और बनारसी लस्सी की भी दुकान अब लग गई है। यहां बनारस का स्वाद लोगों मिल जाता है। चाय के चलते अब यहां पान और लस्सी के लिए भी भीड़ लगी रहती है। कुछ लोग तो इस चौपाटी को बनारसी चौपाटी के नाम से जानने लगे हैं।अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस...भिलाई के 3 टी-शॉप के किस्से:हाथों में ऐसा जादू कि सरकारी एजेंसियां कर चुकीं जांच; एक के नाम से इलाका फेम
भिलाई में दो ऐसे चाय वाले जिनका स्वाद लेने आते हैं दूर दूर से लोग
21 मई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है। 21 दिसंबर, 2019 को इस प्रस्ताव को अपनाया गया था। इसका उद्देश्य दुनिया भर में चाय के लंबे इतिहास को संजोने के साथ ही इस व्यापार से जुड़े श्रमिकों पर ध्यान आकर्षित करना है।
हाल ही में एक चायवाले से बिल गेट्स मिलने भारत तक पहुंचे थे। सोशल मीडिया पर टी लवर्स से जुड़े मीम भी जमकर वायरल होते हैं। हर शहर में एक-दो चाय वाले ऐसे होते हैं जो वहां फेमस हो जाते हैं। आज आपको बताते हैं छत्तीसगढ़ के एजुकेशन हब कहे जाने वाले भिलाई के कुछ चाय वालों के किस्से, जहां लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं।
बनारसी चाय दुकान जो बन गई 'बनारसी चौपाटी'
पावर हाउस के पास निगम की ओर से बनाई गई चौपाटी में एक बनारसी चाय की दुकान है। इस चाय की दुकान में नागेश्वर तिवारी पिछले 35 साल से चाय बनाते आ रहे हैं। पहले वे एक छोटे से ठेले में चाय बनाते थे, लेकिन अब चाय का स्वाद इतना फेमस है कि, सुबह शाम दुकान में सैकड़ों लोग चाय के लिए इंतजार भी कर लेते हैं।
उनका कहना है कि, मुझे याद नहीं लेकिन अंदाजन देखा जाए तो 4-5 हजार कप चाय तो जरूर बन जाती होगी। जिस चौपाटी में बनारसी चाय की दुकान स्थित है वहां बनारसी पान और बनारसी लस्सी की भी दुकान अब लग गई है। यहां बनारस का स्वाद लोगों मिल जाता है। चाय के चलते अब यहां पान और लस्सी के लिए भी भीड़ लगी रहती है। कुछ लोग तो इस चौपाटी को बनारसी चौपाटी के नाम से जानने लगे हैं।
बनारसी चाय के साथ-साथ बनारसी लस्सी और पान दुकान भी फेमस
तीन चार बार हो चुकी सैंपल की जांच
इस दुकान के आसपास कम से कम 4-5 और चाय की दुकाने हैं। कई दुकाने खुली और बंद हो गईं, लेकिन बनारसी का टेस्ट कोई नहीं तोड़ सका। लोगों की चाय के लिए लगी रहने वाली लाइन को देखकर कई लोगों ने अफवाह भी उड़ा दी कि चाय में वे नशे या कुछ अलग दवा मिलाते हैं। चाय का लोगों को नशा हो जाता है, यह अफवाह ऐसी उड़ी की सरकारी एजेंसी को भी इसकी जांच करनी पड़ी वह भी एक नहीं तीन बार। मौके पर पहुंचकर खाद्य और औषधि विभाग की टीमों ने सैंपल लिया और जांच किया, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला।
नन्हे चाय दुकान जो बन गई इलाके की पहचान
बनारसी की तरह भिलाई टाउनशिप में एक और चाय दुकान है। जिसका नाम है नन्हे चाय वाला। संचालक का नाम अजय उपाध्याय है जिसे नन्हे कहा जाता है और इसी नाम से दुकान भी चल पड़ी। अजय भिलाई के हृदय स्थल सिविक सेंटर में लगभग 30 सालों से चाय की दुकान चलाते आ रहे हैं।
उनकी चाय पहले हरिराज होटल के सामने एक पीपल पेड़ के नीचे लगती थी। बीएसपी ने उसे अवैध बताते हुए हटा दिया। अब नन्हे चाय सिविक सेंटर मार्केट की एक दुकान में चल रही है। यहां हर दिन 5-7 हजार लोग चाय पीने आते हैं। सिविक सेंटर से ज्यादा नन्हे चाय दुकान से यह इलाका जाना जाने लगा है।