दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक में लाइम स्टोन खदान खोले जाने को लेकर की गई जन सुनवाई पूरी तरह विवादों में रही
पाटन। दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक में 30 अगस्त को लाइम स्टोन खदान खोले जाने को लेकर जन सुनवाई की गई। पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित जन सुनवाई पूरी तरह से विवादों में रही। विरोध करने वाले ग्रामीणों ने सुनवाई करने पहुंचे अधिकारियों को फर्जी बताया। साथ ही शराब और पैसा देकर सहमति लेने का आरोप लगाया। इस दौरान ग्रामीणों के बीच जमकर मारपीट हुई।दरअसल, अंतर्गत उतई थाना क्षेत्र के चुनकट्टा गांव शुक्रवार दोपहर लाइन स्टोन खदान की लीज के लिए जन सुनवाई का आयोजन किया गया था। इस खदान में पर्दे के पीछे और पर्दे के सामने सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था, जितने भी लोग सुनवाई में आए थे उसमें आधे से अधिक शराब के नशे में झूम रहे थे। सभी लड़खड़ाती जुबान से खदान के लिए सहमति दे रहे थे।इस दौरान ग्रामीण नोहर ने सुनवाई कर रहे अधिकारी से कहा कि खदान खुलनी चाहिए, वह खदान के खिलाफ नहीं है, लेकिन खदान खुलने के बाद जो ग्रामीणों का शोषण होता है। उसके खिलाफ हैं। यहां सुरक्षा के नाम पर कोई इंतजाम नहीं है। पूरा गांव धूल के गुबार में ढक जाता है।नोहर ने कहा कि क्रशर खदान चलाने वाले नियमों का पालन नहीं करते हैं। निर्धारित क्षमता से अधिक तेजी के साथ ब्लास्टिंग करते हैं। इससे पत्थर लोगों के घरों में आकर गिरता है। खदानों को इतना गहरा खोद दिया गया है कि उसमें गिरकर मवेशी और इंसान मरते हैं।उन्होंने कहा कि कहा कि जन सुनवाई खानापूर्ति के लिए हो रही है। पर्दे के पीछे की हकीकत यह है कि सभी को दारू और रुपया मिला है। क्रशर खदान यूनियन ने ग्रामीणों को काम ना देने की धमकी दी है। पर्दे के सामने यह है कि सभी अपनी सहमति दे रहे हैं और अधिकारी उनका वीडियो ग्राफी के साथ बयान दर्ज कर रहे हैं।