श्रृंखला यादव हत्याकांड से जुड़े मामले में 5 साल के संघर्ष के बाद हाईकोर्ट ने आरोपी की 20 साल की सजा को बरकरार रखा
दुर्ग। श्रृंखला यादव हत्याकांड से जुड़े मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट, दुर्ग के फैसले को सही ठहराते हुए 20 साल की सजा को बरकरार रखा है। आरोपी ने सेशन कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। यह दर्दनाक घटना 13 जून 2019 को हुई थी, जब रिसाली मैत्री नगर की रहने वाली शृंखला यादव ट्यूशन के लिए जा रही थी। इसी दौरान, उस पर प्राणघातक हमला किया गया। दो दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद 15 जून को शृंखला ने दम तोड़ दिया।घटना के तुरंत बाद पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लिया। आरोपी पर यह दावा किया गया कि वह घटना के समय नाबालिग था, जिसके चलते उसे जमानत दे दी गई। शृंखला की मां ममता यादव ने न्याय के लिए हार नहीं मानी और केस को बाल न्यायालय से सेशन कोर्ट तक पहुंचाया। पांच साल तक चले इस केस में पुलिस ने घटनास्थल से मिले साक्ष्य, गवाहों के बयान और डीएनए टेस्ट को आधार बनाकर आरोप साबित किया। सेशन कोर्ट ने आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। पहले आरोपी को बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया था, लेकिन ममता यादव की शिकायत पर बाल आयोग ने संज्ञान लिया और आरोपी को चार महीने बाद दुर्ग सेंट्रल जेल भेज दिया। श्रृंखला के लिए न्याय की मांग करते हुए शहर के कई स्वयंसेवी संगठनों और विद्यार्थियों ने कैंडल मार्च निकाला। इस संघर्ष ने पूरे मामले को और अधिक गंभीरता से उठाने में मदद की।