पद्मश्री वैद्यराज मांझी को फिर मिली धमकी : नक्सलियों ने पर्चा फेंक कर चेताया, कहा- सुरक्षा में गांव से कब तक रहोगे बाहर
नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्द वैद्यराज पद्मश्री हेमचंद मांझी को एक बार फिर नक्सलियों ने जान से मारने की धमकी दी है। इससे पहले भी नक्सलियों ने विधानसभा चुनाव के दौरान वैद्यराज को धमकी दी थी। जिसके बाद सरकार ने पद्मश्री वैद्यराज हेमचंद मांझी को वाय श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी। वहीं अब दूसरी बार उन्हें धमकी मिली है।जानकारी के अनुसार पूरा मामला नारायणपुर जिले के धोडाई थाना क्षेत्र का हैं। छोटेडोंगर माइंस के परिवहन संघ अध्यक्ष सहित 4 लोगों को जान से मारने की धमकी मिली है। नक्सलियों के पूर्वी बस्तर डिविजन कमेटी ने ओरछा मार्ग पर जिला मुख्यालय से 39 किलोमीटर दूर कलीभाटा में फेंके पर्चा में जाने से मरने की धमकी दी है। इन पर्चा में नक्सलियों ने लिखा है कि, पुलिस सुरक्षा में गांव से कब तक बाहर रहोगे।राज्य शासन की प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की बैठक में वैद्यराज मांझी को सुरक्षा श्रेणी प्रदान किया था। पिछले साल मई महीने में पद्मश्री हेमचंद मांझी ने पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया था। वहीं उन्होंने उपचार बंद करने की भी घोषणा की थी। उन्होंने बताया था कि, लगातार नक्सलियों से धमकी मिलने के बाद अब वह यह कदम उठा रहे हैं। बैनर पोस्टर में छोटेडोंगर के पद्मश्री वैधराज हेमचंद्र मांझी को आमदई खदान का दलाल बताते हुए देश से मार भगाने की धमकी दी थी।नक्सलियों ने पद्मश्री हेमचंद्र मांझी के भतीजे कोमल मांझी की निर्मम हत्या कर दी थी। वे आमदई माइंस में दलाली करने का आरोप लगाकर वैद्यराज हेमचंद्र मांझी को लगातार धमकी दे रहे हैं। इस वजह से ही पुलिस प्रशासन ने वैधराज को जिला मुख्यालय के सेफ हाऊस में सुरक्षा प्रदान कर रखा है।पद्मश्री हेमचंद मांझी के भतीजे कोमल मांझी की भी नक्सली हत्या कर चुके हैं इसलिए उन पर खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है। मां दंतेश्वरी ने सपने में आकर लोगाें का इलाज करने कहा : हेमराज मांझी बताते हैं, 50 साल पहले उनके सपने में बस्तर की आराध्य माता दंतेश्वरी आईं और जड़ी-बूटी से मरीजों का इलाज करने कहा। तब से वे लोगों का इलाज कर रहे हैं। जब उन्होंने लोगों का उपचार शुरू किया तब वे 20 साल के थे।वैद्यराज हेमचंद मांझी नक्सलियों की वजह से छोटे डोंगर से दूर हो गए हैं। उन्हें पुलिस ने जिला मुख्यालय नारायणपुर शिफ्ट कर दिया है। नक्सली कई बार उन्हें जान से मारने के संबंध में पर्चे उनके घर के बाहर छोड़ चुके हैं। हेमचंद नारायणपुर में मरीज को देखने के बाद दवा के लिए छोटे डोंगर भेजते हैं, वहां उनके बेटे मरीजों को दवा देते हैं। उनकी प्रसिद्धि छत्तीसगढ़ समेत महाराष्ट्र, ओडिशा व आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में भी है।नारायणपुर जिले में रहने वाले हेमचंद्र मांझी वैद्यराज के नाम से मशहूर है। वह आज पारंपरिक तरीके से जंगली जड़ी बूटियों से इलाज करते हैं। (Naxal Threat) मांझी ने अपना पूरा जीवन जड़ी बूटियों की खोज और उनसे लोगों का इलाज करने में बिता दिया। लगभग पांच दशकों से वे अब तक हजारों लोगों को ठीक कर चुके हैं। लोगों की निस्वार्थ सेवा के चलते केंद्र सरकार ने वैद्यराज हेमचंद मांझी को पद्मश्री से सम्मानित किया।