छत्तीसगढ़ के इन जिलों के जंगलों में लगी भीषण आग, धू-धू कर जल रहे जंगल

बलरामपुर/गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ में गर्मी के बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है। बलरामपुर जिले के जंगलों में आग लगने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है।वहीं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में बढ़ती गर्मी के साथ जंगलों में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। मरवाही वन मंडल के विभिन्न क्षेत्रों में आग की घटनाएं सामने आ रही हैं।बलरामपुर जिले के राजपुर वन पर क्षेत्र के तोनी के जंगल में कल रात से भीषण आग लगी हुई है। आग के लपटों से पूरा जंगल जल रहा है और यह आग लगातार बढ़ता जा रहा है। रात के समय चारो और आग ही आग दिख रहा था लेकिन उसे बुझाने की किसी ने पहल नहीं किया। आग लगने के कारण छोटे पेड़ पूरी तरह से नष्ट हो रहे हैं, वहीं बड़े पेड़ों को भी नुकसान हो रहा है। आग की तेज लपटों के कारण जंगल में रहने वाले जीव जंन्तु को ज्यादा नुकसान हो रहा है। कितने जीव नष्ट हो रहे हैं इसका कोई आंकड़ा भी नहीं है।गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में बढ़ती गर्मी के साथ जंगलों में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। मरवाही वन मंडल के विभिन्न क्षेत्रों में आग की घटनाएं सामने आ रही हैं। इससे वन्य जीवों का पलायन आबादी वाले क्षेत्रों की ओर हो रहा है। भालू प्रभावित क्षेत्रों में भी भीषण आग देखी गई है। वन्य जीव भोजन और पानी की तलाश में रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं। तेज हवा के कारण आग की लपटें तेजी से फैल रही थीं। फायर वाचर्स ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया। जंगल से सटे घरों को आग से बचा लिया गया।मरवाही वनमंडल के विभिन्न रेंज में आग की स्थिति गंभीर है। मरवाही रेंज में दानीकुंडी और ढपनी पानी के जंगलों में आग लगी। गौरेला रेंज में आमाडोब, तवाड़बरा डबरा और केंवची के जंगल प्रभावित हुए। पेंड्रा रेंज के रामगढ़ में भी आग लगी। सबसे ज्यादा प्रभावित खोडरी रेंज है, जहां सात से अधिक जंगलों में आग लगी। इनमें पूटा, आमगांव, कोटमी खुर्द, उमरखोही, जोगीसार और करगीखुर्द शामिल हैं। इस मौसम में अब तक 50 से अधिक स्थानों पर आग लगने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।