साली को कम पैसे देने पर पिट गया दूल्हा, ‘जूता चुराई रस्म’ पर घराती-बराती में जमकर हुई जूतमपैजार

साली को कम पैसे देने पर पिट गया दूल्हा, ‘जूता चुराई रस्म’ पर घराती-बराती में जमकर हुई जूतमपैजार

बिजनौर।उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक शादी समारोह उस समय विवाद का कारण बन गया जब पारंपरिक जूता चुराई की रस्म में दूल्हे द्वारा कम पैसे दिए जाने पर मामला इतना बिगड़ गया कि बारात दुल्हन के बिना लौट गई और बारातियों को घंटों तक बंधक बनाए रखा गया. शादी के दौरान हुआ यह घमासान इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

क्या है पूरा मामला?
यह मामला थाना नांगल क्षेत्र के भारत बैंक्वेट हॉल का है. 13 अप्रैल की रात नजीबाबाद से आई बारात का शुरुआत में भव्य स्वागत हुआ, लेकिन, जब शादी की रस्मों के दौरान दूल्हे रिजवान, निवासी ग्राम हर्सवाड़ा, ने साली द्वारा मांगे गए 15,000 की बजाय केवल  2,100 दिए, तो मामला तूल पकड़ गया. खास बात यह रही कि उसी समारोह में लड़की की बहन की भी शादी हो रही थी, जिसमें दामाद ने 15,000 की पूरी रकम देकर साली को खुश कर दिया था. इसी तुलना ने माहौल को गर्मा दिया.

विवाद के चलते अधूरी रह गई शादी
आक्रोशित लड़की पक्ष ने इसे अपमान मानते हुए बारातियों को हॉल में ही रोक लिया और कहासुनी मारपीट में बदल गई. देखते ही देखते मामला गंभीर हो गया और किसी ने चोरी-छिपे पुलिस को सूचना दी. रात करीब 1 बजे पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया. थाना अध्यक्ष ने बताया कि दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझौता कराया गया और अब स्थिति शांतिपूर्ण है. हालांकि, विवाद के चलते शादी अधूरी रह गई और दूल्हा पक्ष दुल्हन के बिना ही वापस लौट गया.

चर्चा का विषय बनी शादी
इस पूरी घटना ने शादी को चर्चा का विषय बना दिया है. सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर लोग इसे एक परंपरा के गलत मतलब निकालने का परिणाम मान रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि रस्मों को मजाक की हद तक ही सीमित रखना चाहिए, वरना ऐसे विवाद रिश्तों को तोड़ सकते हैं. यह घटना एक खुशियों भरे मौके को तनाव और दुख में बदलने का उदाहरण बन गई है, और यह सवाल छोड़ गई है कि क्या परंपरा और ईगो के बीच संतुलन बनाए बिना शादियां सही मायनों में सफल हो सकती हैं?