घर के मंदिर में भूलकर भी न रखें इन 5 देवी-देवताओं की मूर्ति, लग सकता है दोष,
हिंदू धर्म में हम हजारों देवी-देवताओं का पूजन करते हैं. लेकिन घर में पूजा करते हुए हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि किस देवी-देवता का कौनसा स्वरूप हम पूज रहे हैं. ये भी बहुत अहम होता है. इसके साथ ही घर वो जगह होती है, जहां ग्रहस्थ आश्रम का पालन होता है. ऐसे में सनातन धर्म के अनुसार हमें घर के पूजा-घर में देवी-देवताओं की स्थापना करते वक्त कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जहां कुछ देवी-देवताओं की स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, वहीं कुछ देवी-देवताओं को मंदिरों में पूजना चाहिए, पर उन्हें घर पर स्थापित नहीं करना चाहिए.
घर में पूजा-ग्रह हमेशा ईशान कोंण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए. इस दिशा में सर्वाधिक सकारात्मक उर्जा होती है. पूजा घर में खंडित मूर्ती या खंडित सामग्री नहीं रखनी चाहिए. आइए ज्योतिष व वास्तु एक्सपर्ट डॉ. मधु प्रिया से जानते हैं, कि घर में किस-किस देवी-देवता की मूर्ती रखनी चाहिए और किस तरह की मूर्तियां गलती से भी अपने पूजाघर में न रखें.
ज्योतिषाचार्य डॉ. मधु प्रिया बताती हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कभी भी रुद्र मुद्रा वाली देवी-देवताओं की मूर्तियां अपने घर में या घर के पूजाघर में नहीं रखनी चाहिए. पूजाघर वो जगह है जो हमारे घर में सकारात्मक पूजा का विस्तार करता है. इसके साथ ही हमें कोई भी ऐसी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए जो प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी हुई हो. इसके अलावा घर के मंदिर में कोई भी मूर्ती प्लास्टिक या संगमरमर के पत्थर से बनी हुई भी नहीं रखनी चाहिए.
अपने घर के मंदिर में जब भी मूर्ती रखें, हमेशा कोशिश करें कि वो चांदी, पीतल, सोने या फिर मिट्टी की बनी होनी चाहिए. इसके अलावा आप अपने घर के मंदिर में तस्वीरें भी रख सकते हैं.
गणेश जी की मूर्ती- घर में गणेश जी की एक ही मूर्ती होनी चाहिए. मां लक्ष्मी के बांई और सरस्वती जी को लक्ष्मी जी के दांई ओर रखना चाहिए. अपने पूजाघर में कभी भी गणेश जी की खड़ी हुई या नृत्य करती हुई प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए.