हमारे सनातन धर्म में चावल का बहुत ही खास महत्व बताया गया है. चावल के बिना हर पूजा अधूरी मानी जाती है. ज्योतिषाचार्य पं पंकज पाठक के अनुसार कई बार मेहनत करने के बाद भी हमें उसका फल प्राप्त नही होता है. धन कमाने के लिए हम कई प्रकार के प्रयास करते है. इसी कारण कुछ सरल और आसान उपाय बताएं गए है. इन उपायों को करने से हमें सारी परेशानी से उभर सकते है. हमारे धर्म ग्रंथों मे चावल (अक्षत) को बहुत पवित्र माना गया है. सनातन धर्म में अक्षत के बिना किसी भी तरह का पूजा-पाठ पूरी नहीं होती है. इसलिए घर के पूजन कक्ष में चावल हमेशा मौजूद होते है.
भगवान शंकर को पूजन में हमेशा हल्दी चढ़ाई जाती है. इसी तरह भगवान गणेश जी को तुलसी चढ़ाना मना है. वैसे ही देवी माँ दुर्गा को दूर्वा नही चढ़ाई जाती है. वहीं भगवान विष्णु पर चावल नही चढ़ाया जाता है. आईए चावल (अक्षत) से जुड़े कुछ उपाय जानते है जिनको करने से माँ लक्ष्मी की कृपा आपको प्राप्त होगी.
भगवान शिव को प्रसन्न करें
हमारे धर्म ग्रंथों में इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है. अगर शिवलिंग पर अक्षत अर्पित करते हैं, तो इससे भगवान बोलेनाथ अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही कभी भी भगवान शंकर को टूटे चावल अर्पित न करें. इसके साथ ही अगर प्रतिदिन भगवान शंकर को अक्षत समर्पित करते हैं, तो जीवन के हर एक कष्ट से निजात मिलेगी. आप खास कर शुक्ल पक्ष या माह की किसी भी चतुर्थी को चावल के दाने शिव जी को चढ़ाते है, तो आपको इसका उत्तम फल प्राप्त होगा.
कुमकुम और अक्षत का महत्व
सनातन धर्म में कुमकुम और अक्षत का महत्व भी बताया गया है. सभी देवी देवता को चावल भी चढ़ाया जाता है. लेकिन बिना कुमकुम लगाए भी सनातन धर्म में कुछ भी सफल नही माना गया है. भगवान को अक्षत के साथ कुमकुम चढ़ाया जाता है तो यह पुण्य से भरा माना गया है. इसके साथ ही पूजन पाठ में व्यक्ति को कुमकुम के साथ अक्षत का टीका लगाया जाता है.
ऐसा करने से बचे
ज्योतिषाचार्य के अनुसार बताया गया कि हमारे धर्म शास्त्र में देवी-देवता या फिर पूजा में टूटे हुए चावल को कभी नहीं चढ़ाना चाहिए. दरअसल अक्षत को पूर्णता का प्रतीक माना गया है. इसलिए आप खंडित चावल को कभी भगवान को समर्पित न करें. इसका ध्यान जरूर रखे. अगर आप ऐसा करते है तो ये अशुभ माना जाता है. आप रोजाना चावल के कुछ दाने पूजा में चढ़ाते है तो इससे आपके धन में वृद्धि होती है.