छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में टीकाकरण से दो बच्चों की मौत हो गई

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में टीकाकरण से दो बच्चों की मौत हो गई

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में टीकाकरण से दो बच्चों की मौत हो गई। शनिवार को 7 बच्चों को बीसीजी और पेंटावैलेंट के टीके लगाए गए थे जिसके बाद 2 बच्चों की मौत हो गई। वहीं बाकी 5 बच्चों की भी तबीयत बिगड़ गई है। अब उस बैच की वैक्सीन को प्रतिबंधित किया गया है।

इस मामले में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी रविवार को जिला हॉस्पिटल पहुंचे। यहां उन्होंने पीड़ित बच्चों का हाल जाना और उनके परिजन से बात की। इसके बाद जांच की मांग करते हुए सवाल उठाए कि क्या सरकार इसमें कुछ छिपा रही है।

क्या है मामला?

बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के कोरीपारा में आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा था। टीकाकरण 30 अगस्त को दोपहर 12 बजे किया गया और दो दिन के नवजात शिशु की मौत उसी दिन रात 7.30 बजे हो गई।

वहीं दो महीने के सारांश को भी इस बच्चे के साथ टीका लगा था, उसकी मौत 30 घंटे के बाद 31 अगस्त रात 8 बजे हुई। बाकी 5 बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया। यहां उनका इलाज जारी है। इसके बाद रविवार को सिंहदेव के साथ पूर्व विधायक शैलेश पांडेय, कांग्रेस नेता पंकज सिंह ने प्रभावित परिवारों से अस्पताल में मुलाकात की।

सिंहदेव बोले- सरकार कुछ छिपा रही

टीएस सिंहदेव ने कहा कि अगर टीके, दवाइयां अमानक थी तो उसका स्टॉक तत्काल रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, नसबंदी, गर्भाशय कांड, आंखफोड़वा वाली बीजेपी सरकार में कुछ भी हो सकता है। सिंहदेव ने मृतक बच्चों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। वहीं अस्पताल में भर्ती बाकी बच्चों के बेहतर इलाज के लिए भी डॉक्टर से बात की। उन्होंने कई सवाल भी उठाए-

टीके क्या अमानक तो नहीं थे?
आखिर मृत बच्चों का पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं करवाया गया?
क्या सरकार का दायित्व नहीं था कि वह सारे मामले की जांच कराती?
क्या सरकार इस संवेदनशील मामले में कुछ छुपा रही है?