सोनीबाई का खुद का घर बनाने का सपना हुआ साकार
कोण्डागांव, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) कई लोगों के जीवन में परिवर्तन लेकर आयी और कई लोगों के लिए उम्मीद का दूसरा नाम बनकर आयी ऐसी ही एक कहानी है सोनीबाई कोर्राम की। जनपद पंचायत फरसगांव के ग्राम पंचायत चरकई निवासी सोनीबाई कोर्राम ने हमेशा से खुद के लिए एक पक्के मकान का सपना देखा था। जिसमें वह सूकुन से अपने परिवार के साथ गुजर बसर कर सके परंतु गरीबी और आमदनी का कोई स्त्रोत न होने के कारण उसे यह सपना असंभव सा लगता था। 20 वर्ष पूर्व पति के देहांत के साथ दो बेटों और दो बेटियों की जिम्मेदारी सोनीबाई के कंधों पर थी। जिससे जीवन यापन के लिए मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट भरने के ईलावा कुछ और सोच पाना भी मुश्किल था। उनका आधे से ज्यादा जीवन कच्चे मकान के एक कमरे में ही गुजर गया। स्वयं की भूमि होने के बावजुद भी सोनीबाई आर्थिक तंगी के कारण अपना पक्का मकान नहीं बनवा पा रही थी और बरसात के दिनों में घर के चारांे तरफ पानी भर जाता था और छत से पानी भी टपकता था और बरसात में एक बार पूरी तरह गिर भी चुका था। ऐसे में उस घर में रहना दुभर लगता था।