राशन दुकानों में घोटाला, 49 करोड़ का सरकारी अनाज बाजार में बेचा गया

राशन दुकानों में घोटाला, 49 करोड़ का सरकारी अनाज बाजार में बेचा गया

छत्‍तीसगढ में 2024 में खाद्य विभाग की जांच में उजागर हुआ कि उचित मूल्य की दुकानों में गरीबों के लिए आवंटित सरकारी अनाज को बाजार में बेच दिया गया। केंद्र सरकार के निर्देश पर 33 जिलों की 13,964 राशन दुकानों की जांच की गई, जिसमें 1,231 दुकानों में गड़बड़ी पाई गई।

1.11 लाख क्विंटल चावल सहित अन्य अनाज गायब 

जांच में पाया गया कि दुकानों से 1.11 लाख क्विंटल चावल (मूल्य 47 करोड़ रुपये) गायब है। इसके अलावा, 1.5 लाख किलो चना (62 लाख रुपये), 55 हजार किलो गुड़ (23 लाख रुपये), 2.5 लाख किलो नमक (24 लाख रुपये), और 1.5 लाख किलो चीनी (60 लाख रुपये) का कोई हिसाब नहीं मिला। कुल मिलाकर, गायब राशन की कीमत करीब 49 करोड़ रुपये है। कुछ दुकानों में तो कई साल पुराने रिकॉर्ड में भी गड़बड़ी पाई गई। बालौदाबाजार और सूरजपुर में 150 दुकानों में अनियमितताएं मिलीं, जबकि दंतेवाड़ा और गरियाबंद में कोई कमी नहीं पाई गई।

कोरोना काल में हुआ बड़ा खेल 

जांच में सामने आया कि सबसे ज्यादा गड़बड़ियां 2020 से 2023 के बीच हुईं। दुकान संचालकों ने दावा किया कि कोरोना काल में दुकानें अनियमित रूप से खुलीं, जिसके कारण सामान वितरण का ऑनलाइन रिकॉ र्ड अपडेट नहीं हुआ। हालांकि, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सामान बांटा गया, लेकिन रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई।

ऐसे पकड़ा गया घोटाला 

जांच दल ने दुकानों के रिकॉर्ड की जांच की तो स्टॉक और वितरण का हिसाब मेल नहीं खाया। उदाहरण के लिए, एक दुकान ने 100 क्विंटल चावल लिया, लेकिन कागजों में केवल 80 क्विंटल वितरण दिखाया गया, बाकी का कोई हिसाब नहीं था। जहां कमी मिली, वहां दंड का फैसला एसडीएम और खाद्य निरीक्षक करते हैं, लेकिन कई दुकानों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

1231 में गड़बड़ी, सजा सिर्फ 251 को 

1,231 दोषी दुकानों में से केवल 251 के खिलाफ कार्रवाई हुई। 109 दुकानों का आवंटन निलंबित, 30 का आवंटन निरस्त, और 106 से वसूली का आदेश जारी हुआ। केवल 6 दुकानों पर एफआईआर दर्ज की गई। बाकी से जवाब-तलब किया गया है। खाद्य नागरिक आपूर्ति संचालक कार्तिकय गोयल ने आदेश जारी किया कि गायब अनाज की कीमत जमा की जाए।