सिविल इंजीनियर को चिटफंड कंपनी में पैसा निवेश करने का झांसा देकर ठगे 44 लाख रुपये , मामला दर्ज

सिविल इंजीनियर को चिटफंड कंपनी में पैसा निवेश करने का झांसा देकर ठगे 44 लाख रुपये , मामला दर्ज

राजधानी के एक सिविल इंजीनियर को चिटफंड कंपनी में पैसा निवेश करने का झांसा देकर 44 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। ठगी के शिकार इंजीनियर की शिकायत पर डीडीनगर थाना पुलिस ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के सात ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।

डीडीनगर पुलिस थाना प्रभारी ने बताया कि मिराज ट्री हाउस मकान नंबर बी/81, सेक्टर सात-ए कमल विहार निवासी राजेश कुमार देवांगन (39) पेशे से सिविल इंजीनियर हैं। वर्ष 2016 में वे महादेवनगर न्यू चंगोराभाठा में निवासरत थे। उसी दौरान उनकी पहचान मूलत: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बरहपुर निवासी सुभाजीत सिंघा से इंडिगो मेरीना कार खरीदने के दौरान हुई थी। उसने अपनी कंपनी में पैसा निवेश करने पर लाखों रुपये का फायदा कराने का झांसा दिया।

राजेश ने पत्नी मीनाक्षा देवांगन और बहन सुनीता देवांगन से कई किस्तों में कुल 44 लाख रुपये लेकर पैरियो फाइनेंशियल एवं एडवाइजरी सर्विसेस लिमिटेड कोलकाता (पश्चिम बंगाल) के खाते में जमा करा दिए। शुरुआत में विश्वास जमाने के लिए सुभाजीत सिंघा, इंद्रजीत सिंघा समेत कंपनी के डायरेक्टर सुप्रतिम पांडेय, शांतनु सरकार, जौयनल आलबेदीन, प्रियोब्रता मंडल और अमृता मंडल ने उन्हें लाभांश भी दिया।

कंपनी का डायरेक्टर फरार

इसके बाद वर्ष 2019 से लाभांश देना बंद किया, तब राजेश को ठगी का एहसास हुआ। उन्होंने कई बार कंपनी के डायरेक्टरों को पत्र लिखकर पैसा लौटाने को कहा, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस बीच कंपनी का डायरेक्टर जौयनल आलबेदीन फरार हो गया। अन्य डायरेक्टर उसकी तलाश कर रहे हैं। इसी दौरान राजेश कुमार ने सुभाजीत सिंघा और इंद्रजीत सिंघा से फिर से पैसे लौटाने को कहा तो उन्होंने फोन पर जान से मारने की धमकी देकर कहा कि जो करना है कर लो, पैसा वापस नहीं मिलेगा। परेशान होकर सोमवार को पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई।