अष्टमी को 56 भोग लगाकर की जावेगी 108 पूजा थाल से महाआरती, रात्रि हवन पूजन एवं पूर्णाहुति रोज पूजी जाती है कन्या माताएं

अष्टमी को 56 भोग लगाकर की जावेगी 108 पूजा थाल से महाआरती, रात्रि हवन पूजन एवं पूर्णाहुति रोज पूजी जाती है कन्या माताएं

दुर्ग - श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा दुर्ग में चैत्र नवरात्र पर्व महाअष्टमी के अवसर पर 16 अप्रैल को दोपहर 12 बजे माता जी को 56 भोग लगाकर शाम 7 बजे 108 पूजा थाल से माता जी की महाआरती की जावेगी।
समित्ति के कुलेश्वर साहू एवम सुजल शर्मा ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी चैत्र नवरात्र पर्व एवं वार्षिक उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है, जिसमें प्रतिदिन प्रातः 9 बजे अलग अलग धर्मप्रेमियों द्वारा सहपरिवार उपस्थित होकर माता जी का अभिषेक किया जा रहा है, दोपहर 12 बजे लगभग 81 से अधिक कन्या माताओं को प्रतिदिन कन्या भोज कराया जाता है।
नवरात्र की अष्टमी में माता जी को दोपहर 12 बजे 56 प्रकार के भोग का प्रसाद जिसमें विभिन्न प्रकार के मिष्ठान, नमकीन, फल, पंचमेवा, पूड़ी, हलवा, मालपुआ, खीर, का भोग लगाया जावेगा, जो सभी धर्मप्रेमी अपने अपने घर से बना कर लाएंगे..क्वांर अष्टमी के अवसर पर सँध्या 7 बजे माता जी की 108 दीपो एवं 108 पूजा थाल से माता जी की महाआरती, एवं विशेष श्रृंगार जाएगा, रात्रि 8 बजे हवन पूजन, पूर्णहुति, आरती की जावेगी जोकि देर रात्रि तक होगी । चैत्र नवरात्र पर 9 अप्रैल से 16 अप्रैल तक प्रतिदिन प्रातः 9 बजे माता जी का अभिषेक एवं 12 बजे कन्यापूजन एवं कन्याभोज कराया जा रहा है, जिसमें आज प्रातः 9 बजे प्रतिदिन की तरह माता जी का अभिषेक किया गया।
जिसमें आचार्य डॉ आकाश दुबे के सानिध्य में अभिषेक किया गया, मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सुनील पांडेय जी के सानिध्य में मन्दिर में सभी पूजन कार्य हो रहे है । दुर्ग का सत्तीचौरा छत्तीसगढ़ का एक मात्र स्थान है जिसमें क्वांर एवं चैत्र नवरात्र पर्व पर प्रतिदिन कन्या भोज होता.
   आज का अभिषेक इंद्राणी कुलेश्वर साहू द्वारा किया गया एवं कन्या भोज में लगभग 100 से अधिक कन्यामताओं का पूजन करके सभी को भोज कराया गया, ततपश्चात सभी कन्याओं को भेंट स्वरूप टिफिन डब्बा वितरण किया गया, कन्याभोज में प्रतिदिन सभी कन्या माताओं को पायल जैन नवकार परिसर द्वारा पूरे 9 दिन अलग अलग वस्तु भेंट दी जाती है।