अचानकमार टाइगर रिजर्व में फोर फेज मानिटरिंग चल रही

अचानकमार टाइगर रिजर्व में फोर फेज मानिटरिंग चल रही

बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व में फोर फेज मानिटरिंग चल रही है। पहला चरण पूरा हो गया है। द्वितीय चरण में ट्रैप कैमरे से गणना होनी है। इसके लिए प्रबंधन ने 644 कैमरे का इंतजाम कर लिया है। एक ग्रीड पर दो कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों की खासियत यह है कि इसके सामने से गुजरते ही टाइगर हो या अन्य वन्य प्राणी, उनकी तस्वीर कैमरे में कैद हो जाएगी। इन्हीं तस्वीरों के आधार पर आकलन किया जाएगा कि अचानकमार टाइगर रिजर्व के अंदर कितने बाघ दहाड़ते हैं।

अचानकमार को टाइगर रिजर्व इसलिए घोषित किया गया है क्योंकि, यहां बाघ हैं। समय-समय पर इनकी तस्वीर व प्रत्यक्ष रूप से भी दीदार होता है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अनुसार प्रत्येक टाइगर रिजर्व को साल में दो बार गणना करनी है। इसे फोर फेज मानिटरिंग कहा जाता है। इसके अलावा चार साल में एक बार और गणना होती है, जिसे सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह गणना टाइगर रिजर्व के अलावा सामान्य वनमंडल के जंगल में भी होती है। हालांकि अभी इसका समय नहीं है। लेकिन, प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार अचानकमार में गर्मी के सीजन में होने वाली गणना की शुरुआत कर दी गई है। ट्रेल व ट्रांजिट लाइन विधि से पहले चरण की गणना पूरी हो गई है। अब ट्रैप कैमरे लगाकर गणना की जाएगी। इसे लेकर तैयारी पूरी हो गई है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अनुसार पूरे अचानकमार टाइगर रिजर्व को कोर व बफर मिलाकर 322 ग्रिड में बांटा गया है। एक ग्रिड पर दो कैमरे लगाए जाएंगे। इस तरह 644 कैमरे लगाकर बाघ के अलावा तेंदुआ, भालू आदि की गणना की जाएगी।

पहली बार 25 दिन में गणना करेंगे पूरी

टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने इस बार 25 दिन की अवधि में ही गणना पूरी करने का निर्णय लिया है। दरअसल टाइगर रिजर्व का एरिया इतना बड़ा है कि पहले 25 दिन में गणना नहीं हो पाती थी। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत कैमरे को लेकर आती थी। यही कारण दो चरण में ट्रैप कैमरे से गणना करते थे। इस बार प्रबंधन ने डब्ल्यूडब्लूएफ व उदंती टाइगर रिजर्व से कैमरे की मदद ली है। दोनों से सहयोग मिलने के कारण पूरे कैमरे की व्यवस्था हो सकी है। प्रबंधन के पास खुद 250 के लगभग कैमरा है।

मतदान के कारण बढ़ी अवधि

अचानकमार टाइगर रिजर्व में पहले एक मई यानी बुधवार से गणना की तैयारी थी। लेकिन, लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ट्रैप कैमरे से गणना करने की तिथि आगे बढ़ा दी गई है। इसी के तहत नौ मई से गणना करने का निर्णय लिया गया है। इससे मतदान भी प्रभावित नहीं होगा और गणना में तय अवधि तक निरंतर चलती रहेगी। गणना से पहले वन अमले को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।