बेहोशी के इंजेक्शन से 4 साल की बच्ची की मौत,पीड़ित पिता बेटी के शव को लेकर बेंच पर बैठ गया और पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।
बेहोशी के इंजेक्शन से 4 साल की बच्ची की मौत, पिता का आरोप- फ्रैक्चर हुआ था, डॉक्टर की लापरवाही
4 साल की बच्ची को फ्रैक्चर हुआ। डॉक्टर ने ऑपरेशन करने के लिए कहा। ऑपरेशन टेबल पर एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ गई और उसे रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में बच्ची ने दम तोड़ दिया। घटना से बच्ची का पिता इतना भड़का गया कि वह उसके शव को लेकर बैठ गया और पोस्टमार्टम नहीं करने दिया।
उसने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए पुलिस से केस दर्ज करने और डॉक्टर को गिरफ्तार करने की मांग की है। मामला बढ़ता देखकर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। साथ ही डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद बच्ची का शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस अब मामले की जांच में जुटी है।
खेलते-खेलते गिर गई थी बच्ची
घटना मध्य प्रदेश के बदनावर शहर की है। पीड़ित पिता का नाम धर्मेंद्र राठौर है और मरने वाली बच्ची की पहचान 4 वर्षीय जियांशी के रूप में हुई। बदनावर थाना प्रभारी दीपक सिंह चौहान ने मामले की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि धर्मेंद्र ने लिखित शिकायत दी है। उसने JTP सरदार पटेल नामक प्राइवेट अस्पताल के एक डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।
धमेंद्र ने अपने बयान में बताया कि उसकी बेटी खेलते-खेलते गिर गई थी। वह उसे प्राइवेट अस्पताल लेकर गया तो डॉक्टर ने हाथ में फ्रैक्चर बताया और कच्चा पट्टा चढ़ाकर ऑपरेशन करने की सलाह दी। वे हंसती-खेलती बच्ची को गुरुवार सुबह अस्पताल लेकर आए, लेकिन डॉक्टर ने उसे कुछ खाना-पीना देने से मना किया था। ऑपरेशन थियेटर ले जाने के बाद डॉक्टर ने उसे एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया।
एंबुलेंस छोड़कर ड्राइवर भाग गया
धर्मेंद्र ने बताया कि एनेस्थीसिया का इंजेक्शन देने के बाद कुछ ही मिनट में डॉक्टर बाहर आया और बोला कि बच्ची की हालत ठीक नहीं है। वह झटके ले रही है। उसे रतलाम ले जाना पड़ेगा और यह कहते हुए उसने बच्ची को रतलाम रेफर कर दिया। धर्मेंद्र एंबुलेंस में बच्ची को लेकर रतलाम के लिए निकला, लेकिन उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। यह देखकर एंबुलेंस का ड्राइवर मौके से भाग गया।
वह किसी तरह लिफ्ट लेकर बच्ची का शव लेकर बदनावर वापस आया। वह इकलौती बेटी थी, लेकिन एक फ्रैक्चर और इंजेक्शन ने उसकी जान ले ली। आरोप हैं कि डॉक्टर ने इलाज करने में लापरवाही बरती। कच्चा पट्टा लगाने से हालत खराब हुई कि ऑपरेशन की नौबत आई। फिर उसने जो इंजेक्शन दिया, हो सकता है कि वह एक्सपायरी डेट का हो, जिसने बच्ची की जान ले ली।