नरेंद्रनाथ से स्वामी विवेकानंद बनने की प्रथम आध्यात्मिक अनुभूति स्थल तपोभूमि को भी पहचान मिले - डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही
दुर्ग - नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने वाली है । 1 जुलाई से महाविद्यालयों ,विश्वविद्यालयों में कार्यशाला प्रारंभ हो रही है। इस कड़ी में जानकारियों के अनुसार स्वामी विवेकानंद जी के 11 सितंबर को न्यूयॉर्क में दिए गए भाषण को कोर्स में शामिल किया गया है,साथ ही स्वामी विवेकानंद के आदर्शो एवम शिक्षा से प्रेरित है । यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है। स्वामी विवेकानंद के इस भाषण ने विश्व बिरादरी पर जो प्रभाव डाला तथा भारत माता का परचम पाश्चात्य देशों सहित पूरे विश्व में लहराया इसके लिए हम सब स्वामी विवेकानंद के ऋणी हैं । यह उद्गार व्यक्त करते हुए स्वामी विवेकानंद के विचारों को हृदयंगम करने वाले समाज सेवी ,ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही ने नई शिक्षा नीति का स्वागत करते हुए कहा कि नरेंद्रनाथ से स्वामी विवेकानंद बनने की प्रथम आध्यात्मिक अनुभूति स्थल तपोभूमि को भी पहचान मिले । यह तपोभूमि महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में सुरम्य वन क्षेत्र दर्रेकसा हाजरा फाल गुफा क्षेत्र है । हमने अनेकों पत्र लिखे तथा लिखना जारी है ।
स्थल को नई पहचान मिले । कन्याकुमारी की तर्ज पर स्वामी विवेकानंद का भव्य स्मारक बने ।यह क्षेत्र विवेकानंद तीर्थ क्षेत्र बने ।
डॉ पाणिग्राही ने कहा कि वर्ष2015 में जब नई शिक्षा नीति बनाने के परिप्रेक्ष्य में चर्चा ,परिचर्चा एवम कार्यशालाओं का दौर शुरू हुआ तब हमारी संस्था ग्रीन केयर सोसायटी द्वारा अग्रणी भूमिका निभाते हुए विद्यार्थियों शिक्षकों ,पालकों ,शिक्षा संस्थानो, साधु संतो शिक्षाविदों की सहभागिता के साथ कार्यशाला आयोजित कर सुझावों एवम अनुसशाओं को तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी जी को भेजा था। उनसे सकारात्मक उत्तर एवम सुझाव भी मिले जिसका हमने पालन किया। खुशी की बात है कि हमारे अनेक सुझावों को ग्राह्य किया गया है ,जिसकी झलक नई शिक्षा नीति में मिलती है।
पुनस्च डॉ पाणिग्राही ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ,केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ,महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल माननीय रमेश बैश , महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर दर्रेकसा हाजरा फाल गुफा क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद का भव्य स्मारक बनाने के साथ विवेकानंद तीर्थ एवम पर्यटन पथ बनाने की मांग की है।