महापौर ने किया बोरसी एसएलआरएम सेंटर का निरीक्षण, कचरों के निष्पादन प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश
दुर्ग!11 जून।नगर पालिक निगम सीमान्तर्गत शहर में स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए नगर निगम द्वारा शहर में और भी विशेष सफाई अभियान तेज कर दिया गया है।आज मंगलवार सुबह महापौर धीरज बाकलीवाल ने वार्ड 52 बोरसी महावीर खेल मैदान के पास जीरो वेस्ट सेंटर में साफ सफाई एवं डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी हमीद खोखर,पार्षद भास्कर कुंडले,ईई दिनेश नेताम, स्वास्थ्य अधिकारी जावेद,उपअभियंता पंकज साहू,सुपर वाइजर आशीष बघेल मौजूद थे।महापौर के निरीक्षण के दौरान एसएलआरएम सेंटर में एकत्रित कर कचरों का पृथक्कीकण के बाद सूखे कचरे से प्राप्त पॉलीथीन को बेलिंग मशीन से बंडल बनाकर निष्पादन हेतु भेजा जा रहा है।इसी तरह गीले कचरो का पृथक्कीकरण के बाद एसएलआरएम सेंटर मे इसे खाद के रूप में प्रयोग किया जा रहा है।इस कार्य में तेजी आने के बाद अब निगम क्षेत्र में पॉलीथीन के कचरों का ढेर भी अब नजर नहीं आता।महापौर धीरज बाकलीवाल ने कहा निगम द्वारा गीला और सूखा कचरा अलग-अलग कर देने हेतु आम नागरिकों से लगातार अपील की जा रही है।आम नागरिकों के घरों से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग लेने अभियान शुरू किया गया है। दुकानदारों व घर के गीला सूखा कचरा लेने में लापरवाही न करें।गौरतलब है कि नगर निगम प्रशासन द्वारा संचालित एसएलआरएम सेंटर में संपूर्ण निगम क्षेत्र से भारी मात्रा में निकलने वाले कचरे को वहां एकत्रित करने के बाद सभी तरह के गीले एवं सूखे कचरे को अलग अलग पृथक किया जाता है।गीले कचरों को पृथक करने के बाद जैविक खाद बनाया जाता है, इसी प्रकार लोहा,टीना, प्लास्टिक, कांच, लकड़ी, व कपड़े के सूखे कचरे को पृथक किए जाने के बाद रिसायकल की प्रक्रिया के लिए भेजा जा रहा है।महापौर धीरज बाकलीवाल ने कचरा सेग्रीकेशन कार्य की पूरी जानकारी, कर्मचारियों की संख्या और उनकी उपस्थिति तथा कार्य का निरीक्षणकिया,एसएलआरएम सेंटर में एकत्रित कर कचरों का पृथकीकरण के बाद सूखे कचरे से प्राप्त पॉलीथीन को बेलिंग मशीन से बंडल बनाकर निष्पादन हेतु भेजा जा रहा है।इसी तरह गीले कचरो का पृथकीकरण के बाद एसएलआरएम सेंटर में सोनहा खाद नामक खाद बनाया जा रहा है।इसे खाद के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। इस कार्य में तेजी आने के बाद अब निगम क्षेत्र में पॉलीथीन के कचरों का ढेर भी अब नजर नहीं आता।