ज्वेलर्स दम्पत्ति ने लालच देकर की ठगी , कोर्ट के आदेश बाद जुर्म दर्ज ,छ: महीने में डबल दूंगा कह कर लिए थे साढ़े 5 लाख रुपए
दुर्ग। सिटी कोतवाली प्रभारी महेश ध्रुव ने बताया कि सदर बाजार रोड दुर्गा मंदिर कॉम्प्लेक्स दुर्ग निवासी प्रकाश कुमार देवांगन ने ठगी का मामला दर्ज कराया है। उसने बताया कि आरोपी संतोष आचारी और वी रानी सोनी ने उसे लालच दिया था कि अगर वो उनके सोने के व्यवसाय में पैसा लगाएगा, तो 6 महीने में उसकी रकम दोगुनी हो जाएगी। आरोपियों ने कहा था कि सोने के व्यवसाय में बहुत ज्यादा फायदा है। आप हमारे साथ पैसा लगाओ, तो आपको भी बहुत लाभ होगा। आरोपी संतोष आचारी (42 वर्ष) और उसकी पत्नी वी रानी सोनी (39 वर्ष) ने प्रकाश देवांगन से कहा कि आप जितनी रकम लगाओगे, आपको 6 महीने में उसकी दोगुनी रकम देंगे। प्रकाश देवांगन उनके झांसे में आ गया। इसके बाद सोनी दंपत्ति ने देवांगन को 1 अक्टूबर 2018 को अपने घर बुलाया। वहां देवांगन ने एसबीआई बैंक के एक-एक लाख रुपए के तीन चेक काटकर उन्हें तीन लाख रुपए दिए। तीन लाख लेने के बाद फिर से सोनी दंपत्ति ने देवांगन को 2 अक्टूबर 2018 को अपने घर बुलाया और बोले कि सोने के व्यवसाय में फायदा हुआ है। उन्होंने देवांगन को 2 लाख रुपए दिए और बोला कि ये उसका एक सप्ताह का मुनाफा है। इससे देवांगन खुश हो गया। उन्होंने उसे फिर से 20 हजार रुपए मुनाफे का पैसा दिया और कहा कि 2 दिन में 2 लाख 50 हजार रुपए लगाओगे, तो बहुत ज्यादा लाभ होगा। देवांगन उनके झांसे में आ चुका था। उसने फिर से चेकबुक निकाली और 4 अक्टूबर 2018 को 2 लाख रुपए और 50 हजार नगद करके ढाई लाख रुपए दे दिया। जब सोनी दंपत्ति ने देवांगन से साढ़े 5 लाख रुपए ले लिए, तो वो उससे दूरी बनाने लगे। वो उनके पास बीच-बीच में जाता रहता। वो जब भी अपने मुनाफे का पैसा मांगता, तो आरोपी दंपत्ति उसे यह कहकर टाल देते कि जब फायदा होगा, तो वो उसे बुलाकर देंगे। 6 माह बीत जाने के बाद जब देवांगन उनकी दुकान अपनी दोगुनी रकम मांगने गया, तो उन्होंने उससे कहा कि वो उसे रकम वापस कर चुके हैं। जब देवांगन ने उनके ऊपर दबाव बनाया तो घाटा लगने का बहाना बनाया और रुपए न दे पाने की बात कही। जब उसने अपना पैसा मांगा, तो उससे गालीगलौज कर उसे जान से मारने की धमकी देने लगे।
आपको बता दें कि प्रकाश देवांगन ने इस मामले की शिकायत दुर्ग सिटी कोतवाली में की, लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बाद वो न्यायालय की शरण में जाकर परिवाद पेश किया। न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए दुर्ग पुलिस को आदेश दिया कि मामले में एफआईआर दर्ज की जाए।