बार नवापारा अभयारण्य में भटककर आए बाघ के गले में कॉलर आईडी पहनाने का ऑपरेशन बंद कर दिया गया, नवापारा के जंगलों में बाघ कब कहां भटक रहा है?
कुमकी हाथी पर बैठकर कॉलर आईडी पहनाने निकले तीन विशेषज्ञ दो महीने में बाघ को खोज नहीं सके, फिर बारिश से जंगल घना और फिसलन भरा हो गया, इसलिए अब ऑपरेशन ही बंद
बार नवापारा अभयारण्य में भटककर आए बाघ के गले में कॉलर आईडी पहनाने का ऑपरेशन बंद कर दिया गया है। बार नवापारा के जंगलों में बाघ कब कहां भटक रहा है? ये जानने के लिए बाघ के गले में कॉलर आईडी पहनाने के लिए दो महीने से तीन विशेषज्ञ एक कुमकी हाथी पर बैठकर उसे ढूंढ़ रहे थे। बाघ तो नहीं मिला, पर मानसून की एंट्री हो गई।
थोड़ी बारिश में ही जंगल घना हो गया और विजीबिलिटी इतनी घट गई कि बाघ का सुराग ही नहीं मिल रहा है। जमीन दलदली और फिसलन बढ़ जाने के कारण कुमकी हाथी के पैर भी फिसलने लगे। इसके बाद कॉलर आईडी पहनाने का ऑपरेशन फिलहाल बंद कर दिया गया है। विशेषज्ञों की टीम में डॉक्टर आर वर्मा, डॉक्टर पीके चंदन और डॉक्टर रश्मि लता राकेश शामिल थे।
विशेषज्ञों की टीम को वापस बुला लिया गया है। अब बारिश के बाद नए सिरे से ऑपरेशन चलाया जाएगा। माना जा रहा है कि बाघ अभी बार नवापारा में वन विकास निगम के सिंगरपुर-ध्रुवा इलाके में है, लेकिन फिलहाल वह खुले में कम आ रहा है। इस बीच बारिश से हरियाली बढ़ गई और दृश्यता कम होने से विशेषज्ञों की टीम ज्यादा अंदर तक नहीं घुस पा रही है।