दुर्ग जिले के DPS रिसाली में परिजनों के हंगामे के बाद एसपी जितेंद्र शुक्ला ने ली प्रेस कांफ्रेंस बोले यौन शोषण की खबरें भ्रामक,सिर्फ माहौल खराब करने की कोशिश
दुर्ग। दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने शुक्रवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि स्कूल में बच्ची के साथ किसी भी तरह का यौन शोषण नहीं हुआ है। बच्ची के स्कूल में प्रवेश करने से लेकर उसके वापस लौटने तक के सारे सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए। वहीं बच्ची के पालकों से बातचीत करके जिन डॉक्टरों ने उसका मेडिकल किया उनका भी बयान लिया गया। डॉक्टरों ने यौन शोषण की घटना से इनकार किया है। जांच के बाद परिजन भी संतुष्ट नजर आए। कुछ लोगों के द्वारा मीडिया में यौन शोषण की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है। जिले का पुलिस अधीक्षक होने के नाते मैं इन खबरों का खंडन करता हूं। अगर जानबूझकर शहर का माहौल खराब करने की कोशिश की जाएगी तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।दरअसल कुछ मीडिया रिपोट्र्स के मुताबित 5 जुलाई को स्कूल में पढऩे वाली एक बच्ची के साथ कथित छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस पूरे मामले की जांच की और स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन से पूरी जानकारी ली। जांच टीम में पुलिस के अलावा स्कूल शिक्षा विभाग, स्कूल प्रबंधन और पीड़ित परिजन भी शामिल थे। इस घटना के बाद जांच रिपोर्ट को लेकर स्कूल में पढऩे वाले बाकी बच्चों के पालकों के मन में कई तरह के सवाल थे। जिसको लेकर शुक्रवार को पालकों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया।शुक्रवार दोपहर को डीपीएस रिसाली स्कूल में जब पालकों ने हंगामा किया तब स्कूल के प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ ने मोर्चा संभालते हुए सभी पालकों के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने पालकों को बताया कि एक रसूखदार अधिकारी ने अपने बच्चे का एडमिशन नहीं होने पर स्कूल प्रबंधन को देख लेने की धमकी दी थी। जिसके बाद सोची समझी साजिश के तहत स्कूल के खिलाफ गलत जानकारी देते हुए अफवाह फैलाई जा रही।प्रिंसिपल की इस बात को सुनकर पालकों ने कहा कि आप उस अधिकारी का नाम बताइए। प्रिंसिपल ने अधिकारी का नाम बताने से मना कर दिया। इस दौरान कई पालकों ने स्कूल में बच्चों को हो रही असुविधा को लेकर सवाल किया। साथ ही सुरक्षा पर भी चिंता व्यक्त की। परिजनों के प्रदर्शन को देखते हुए स्कूल परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रही। साथ ही एएसपी और सीएसपी रैंक के अधिकारी भी स्कूल परिसर में मौजूद थे।