ढोल की थाप व थाली की झंकार पर नाचते हुए बाराती, चमकती हुई रोशनी में मंगला गीत गाती हुई महिलाएं, पांडाल में उपस्थित हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा पुष्प वर्षा
दुर्ग। स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजित श्री रामदेव जी की संगीतमय कथा के दौरान आज बाबा रामदेव जी के विवाह का प्रसंग बताया गया जिसमें ढोल की थाप व थाली की झंकार पर नाचते हुए बाराती, चमकती हुई रोशनी में मंगला गीत गाती हुई महिलाएं, पांडाल में उपस्थित हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा पुष्प वर्षा एवं पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार किया गया।
श्री बाबा रामदेव मंदिर गंजपारा में चल रही रामदेव लीलामृत कथा के दौरान लोक देवता बाबा रामदेव तथा नेतलजी का विवाह का भव्य झांकीमय वृतान्त का कथावाचक श्याम देव शास्त्री ने सुनाया।
शास्त्री जी ने प्रवचन देते हुए कहा कि बाबा रामदेवजी का विवाह अमरकोट के राजा दलजी सोढा की राजकुमारी नेतल बाई के साथ हुआ कथावाचक ने विवाह के वृतांत से पहले बताया कि जब रामदेव बाबा का परम प्रिय सेवक रतना राईका जो रामदेव बाबा की बहन सुगना बाई को विवाह की केंकूपत्री देने के लिए पूगलगढ गया तो वहां राजा ने रतना को जेल में डाल दिया तथा सुगना बाई को रूणिचा भेजने से मना कर दिया। रतना राईका ने रामदेवजी को याद किया तो बाबा रामदेवजी सशस्त्र पूगलगढ पहुंच गए। बाबा के चमत्कार को देखकर पूगलगढ के राजा ने सुगना बाई को राजी राजी रूणिचा भेज दिया।
बाबा के विवाह में उपस्थित सभी महिलाओ ने मेहंदी एवं हल्दी की रस्म में भाग लिया लगभग 400 से अधिक पुरुष एवं महिलाओ ने बाबा के विवाह की मेंहदी अपने हाथों में लगाई एवं गीत गाते हुए हल्दी की रस्म पूरी की, ततपश्चात बाबा की बाजे गाजे के साथ बारात निकाली गई जिसमें सैकड़ो धर्मप्रेमी नाचते गाते झूमते हुए बारात में शामिल हुए, बाबा की बारात जब कार्यक्रम स्थल रामदेव मंदिर आयी तब उपस्थित जनोँ ने बाबा रामदेव जी एवं बारातियों के ऊपर फूलों की वर्षा की जोकि बहुत अदभुत नजारा रहा, बारातियों के पहुचने के पश्चात नाश्ते की व्यवस्था की गई ततपश्चात बाबा रामदेव जी का विवाह रानी नेत्त अमरकोट दलजी सोज के घर पर हुआ था। रानी के जन्म से हाथ पैर नहीं थे। स्वयं द्वारिकानाथ की लीला से शादी के समय हाथ और पैर दोनों आ गए। इस तरह रामदेव महाराज के ससुराल में खुशियों की लहर छा गयी। कथा स्थल पर सजीव झांकी दर्शाई गई। जिसे देख देर रात्रि तक भक्त भाव विभोर होकर नाचने रहे।
अयोजन के दौरान लोक देवता बाबा रामदेव के मंदिर में पूजा अर्चना के लिए हर धर्म समुदाय के लोग पहुंच रहे है। बाबा ने छुआआत मिटाने के साथ-साथ कौमी एकता को लेकर बडा संदेश दिया था। सभी समाज के लोग प्रतिदिन आरती में उपस्थित होकर आरती का लाभ ले रहे है।स्वर्ण जयंती महोत्सव के अवसर पर दिनाँक 13 सितंबर शुक्रवार प्रातः 6:30 बजे छप्पन भोग एवं बाबा रामदेव जी का विशेष श्रृंगारिक दर्शन होगा संध्या 6:45 बजे महाआरती एवं रात्रि 9 के से देश के प्रसिद्ध भजन गायक देवेंद्र पनवर झालावाङा राजस्थान द्वारा बाबा रामदेव जी के सुंदर एवं मधुर भजनों की प्रस्तुति दी जावेगी।मंदिर परिसर में रात्रि 8 बजे श्री बाबा रामदेव जी के 17वी पीढ़ी के वंशज बापू हनुमानसिंह जी तवंर अयोजन में उपस्थित होंगे जिनके स्वागत की भव्य तैयारी की जा रही है।
आज की कथा में विशेष रूप से प्रतिमा चंद्राकर राजेश यादव सभापति आर एन वर्मा रत्नाकर राव प्रकाश सांखला आसंदास मोहननी बादल भावनानी निहाल रत्नानी महेश गणेशानी अरविंदर खुराना जसनमल पंजवानी गुरमुख गोदवानी विनय गुप्ता प्रमोद जोशी विनय खंडेलवाल प्रह्लाद रूंगटा ऋषभ देशलेहरा दीपक चावड़ा संजय चौबे गोविंद आहूजा रवि केवलतानी सुनील जश्वनी अजय राठी रौशन केलासुरेश मूंधड़ा नारायण जी राठी मनोज राठी मंजू वोरा राजकुमार नारायणी वीरेंद्र भारद्वाज अजित वैध काशीराम कोसरे दीपक साहू ज्ञानदास बंजारे कमल देवांगन गुड्डू यादव मनीष साहू श्रद्धा सोनी मनदीप भाटिया साहू समाज के अध्यक्ष नँदलाल साहू जितेंद्र साहू सिख समाज से अरविंदर खुराना सुखदेव सिंग प्रीतपाल जतिंदर सिंह हरदीप गुरदीप सिंगारा एवं सिख समाज दुर्ग अक्षय पात्र भिलाई श्री सिद्धि विनायक गणेश मंदिर समिति इंदिरा मार्केट आर्टकॉम वेक भिलाई के सदस्य एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।