प्रयास आवासीय विद्यालय में ‘‘बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ’’ कार्यक्रम का आयोजन

प्रयास आवासीय विद्यालय में ‘‘बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ’’ कार्यक्रम का आयोजन

प्रयास आवासीय विद्यालय में ‘‘बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ’’ कार्यक्रम का आयोजन

दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना दुर्ग शहरी द्वारा आज प्रयास आवासीय विद्यालय में ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ कार्यक्रम का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना दुर्ग शहरी द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विधायक दुर्ग ग्रामीण श्री ललित चन्द्राकर सहित जनपद सदस्य, स्थानीय पार्षद, अन्य जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारीगणों की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। मंच संचालन शिक्षा विभाग से जिला मिशन समन्वयक सुरेंद्र पांडेय के द्वारा किया गया।
विधायक दुर्ग ग्रामीण श्री ललित चंद्राकर ने अपने वक्तव्य में कहा ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में बेटियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनकी शिक्षा एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। आज के इस कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की उपस्थिति यह साबित करती है कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं। अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का ने कहा हम सबको मिलकर बेटियों के अधिकारों की रक्षा करनी होगी। बेटी को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक हर कदम पर सहयोग देना होगा। बेटियों को केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारे भविष्य के निर्माण की शक्ति समझें।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री बजरंग दुबे ने ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ का उद्देश्य है कि हर बेटी को जीने का अधिकार और समान अवसर मिले। नगर निगम कमिष्नर श्रीमती मोनिका वर्मा ने कहा कि हम सबको मिलकर यह हमारे समाज के लिए गर्व की बात है कि हम सभी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे महत्वपूर्ण विषय पर यहॉं एकत्रित हुए एवं किशोरी बच्चों काा सम्मान करने का अवसर प्राप्त हुआ। अपर कलेक्टर श्री मुकेश रावटे ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत सभी बालिकाओं को इस अभियान से जोड़कर श्क्षिित बनाना हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए। 
महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री अजय शर्मा के द्वारा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान का उद्देश्य न केवल बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि उन्हें शिक्षित कर समाज में उनका स्थान मजबूत करना भी है। जब एक बेटी शिक्षित होती है, तो वह पूरे परिवार, समाज और आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित करती है।
जिला पंचायत सदस्य श्रीमती माया बेलचंदन मे अपने वक्तव्य में कहा शिक्षा हर बेटी का अधिकार है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बेटी केवल इसलिए स्कूल न छोड़ दे कि वह लड़की है। हमारी सरकार ने इस दिशा में कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे छात्रवृत्ति योजनाएं, लड़कियों के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था, और मुफ्त शिक्षा।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं कार्यक्रम में लगभग 300 किशोरी बच्चियों ने भाग लिया। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ अलौकिक अग्रवाल द्वारा बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, तनाव प्रबंधन और व्यक्तिगत विकास से संबंधित उपयोगी जानकारी प्रदान की गई। महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा हमारा विभाग हमेशा बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा, और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रहा है। ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ अभियान के माध्यम से हम समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच लाने का प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ अभियान के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले युवोदय स्वयंसेवकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही खेल कूद में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बेटियों, बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बेटियों तथा रंगोली, पोस्टर और मेहंदी प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान एवं युवोदय के बच्चियों को स्वयंसेवक दिवस के अवसर पर प्रणाम पत्र देकर सम्मानित किया गया एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत ईसीसीसी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चियों को भी सम्मानित किया गया। 
कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना था। मानसिक स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषय पर भी जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा संवाद और मार्गदर्शन किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने इस कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की और समाज के सभी वर्गों से बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण में योगदान देने का आह्वान किया। यह कार्यक्रम बेटियों के महत्व को उजागर करने और उनके समग्र विकास में सहयोग देने के लिए एक प्रेरणादायक पहल के रूप में सफल रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती अनिता सिंह, परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल परियोजना दुर्ग शहरी, श्री शशांक शर्मा, जिला समन्वयक युवोदय कार्यक्रम, प्रगति महोबे एवं सेक्टर पर्यवेक्षक का विशेष योगदान रहा। परियोजना अधिकारी दुर्ग शहरी के द्वारा कार्यक्रम का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषण की गई।