नहीं रहे मुकेश चंन्द्राकर, सेप्टिक टैंक में हत्यारों ने युवा पत्रकार की हत्या कर दफनाया।

नहीं रहे मुकेश चंन्द्राकर, सेप्टिक टैंक में हत्यारों ने युवा पत्रकार की हत्या कर दफनाया।

रायपुर। बस्तर के लगभग हर आम जनता बस्तर जंक्शन के नाम को भंलिभांती से जानता है। दरअसल बस्तर जंक्शन बीजापुर जिले के मशहूर पत्रकार मुकेश चंन्द्राकर का निजी प्टेल फार्म है जहां पर मुकेश चंन्द्राकर बस्तर और बस्तर के अंदर मौजूद रहने वाले आदीवासियों की खबरों को प्रमुखता से दिखाते थे। मुकेश चंन्द्राकर अपनी भाषा शैली और अंदरूनी जानकारी प्राप्त करने के लिए बस्तर में मौजूद चुनिंदा पत्रकारों में से एक गिने जाते थे। नक्सलवाद से ताल्लुक रखने वाले लगभग हर खबर को मुकेश चंन्द्राकर ने बस्तर की लाल धरती से देश दुनिया तक पहुंचाने का काम बखूबी तरीके से कर दिखाया है किन्तु दुख के साथ यह जानकारी प्राप्त हुई है कि बस्तर जंक्शन के आवाज मुकेश चंन्द्राकर अब इस दुनिया में नहीं है।सूत्रों कि माने तो 135 करोड़ रुपए लागत से बनने वाली सड़क निर्माण कार्य को लेकर ND TV में खबर प्रकाशित किया था जिसके बाद से लगातार वो सड़क निर्माण कार्य से जुड़े हुए ठेकेदार से भयभीत बतायें जा रहे थे। मुकेश चंन्द्राकर 1 जनवरी के दिन से गायब चल रहे थे जिस पर उसके बड़े भाई ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन सूचना प्राप्त हुई है कि सड़क निर्माण कार्य से जुड़े हुए उक्त ठेकेदार के यंहा सेप्टिक टैंक में मुकेश चंन्द्राकर का शव पाया गया है। बस्तर संभाग के युवा पत्रकार के मौत को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य के पत्रकारिकता जगत में भंयकर आक्रोश व्याप्त है। इस मामले को लेकर राज्य के लगभग सभी पत्रकार कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और इसके साथ ही घटिया सरकारी सिस्टम पर सवाल उठा रहे हैं। बता दें कि सूबे के ज्यादातर पत्रकार प्रदेश में उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं किन्तु कमजोर मानसिकता से लबरेज सरकारी सिस्टम महज अपनी वेतन भत्ता बढ़ाने में लगी हुई है। परिणामस्वरूप प्रदेश भर के अंदर मौजूद घटिया सिस्टम के विरुद्ध कलम के जरिए लड़ने वाले पत्रकारों की सुरक्षा भगवान भरोसे टिकी हुई है।