हाईकोर्ट ने रूंगटा कॉलेज को लगाई फटकार, पीड़िता छात्रा को मिला न्याय
बिलासपुर । एमबीए में प्रवेश लेकर एक माह तक नियमित कक्षाएं अटेंड करने के बावजूद छात्रा का प्रवेश रद्द कर देने के मामले में हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने रुंगटा एजुकेशनल फाउंडेशन के डायरेक्टर को छात्रा से ली गई फीस पर 8 प्रतिशत मासिक ब्याज सहित वापस करने और साथ ही 2 लाख रुपये का मुआवजा अदा करने का निर्देश दिया है।गिरिजापुर, कोरिया की रहने वाली रिद्धी साहू ने रुंगटा कॉलेज में एमबीए पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था। प्रवेश की सभी औपचारिकताएं पूरी करने और शुल्क का भुगतान करने के बाद उसने एक माह तक नियमित कक्षाओं में भाग लिया। इसके बाद 13 नवंबर 2024 को कॉलेज प्रशासन ने यह कहते हुए उसे कक्षाओं में आने से रोक दिया कि उसका नाम सीजीडीटीई पोर्टल पर प्रदर्शित विश्वविद्यालय की प्रवेश सूची में नहीं है। कॉलेज की इस कार्रवाई से परेशान होकर रिद्धी ने 20 नवंबर 2024 को डायरेक्टर, टेक्निकल एजुकेशन रायपुर को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया, पर उसकी सुनवाई नहीं हुई। अपनी पढ़ाई बाधित होने और पूरे साल के खराब होने के कारण रिद्धी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
हाईकोर्ट ने इस मामले में कॉलेज और विवि प्रशासन की लापरवाही को गंभीर मानते हुए रुंगटा कॉलेज को निर्देश दिया कि वह छात्रा को हुए नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में 2 लाख रुपये का भुगतान करे और उसकी चुकाई गई फीस ब्याज सहित लौटाए। अदालत ने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाएं शिक्षा प्रणाली में छात्रों के अधिकारों का हनन करती हैं और भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।