छत्तीसगढ़: PHE के सब इंजीनियर भर्ती में पात्रता का विवाद, अब डिप्लोमाधारियों ने किया ये विरोध.

रायपुर : PHE विभाग में निकाले गए के 118 सब इंजीनियर पद के पात्रता को लेकर अब डिप्लोमाधारी इंजीनियर्स और BE/BTech इंजीनियर्स अपने जॉब की संभावना को सुरक्षित करने की कोशिश में लगे हैं।इस बार पीएचई विभाग में सब इंजीनियर पदों के लिए केवल डिप्लोमाधारी इंजीनियर्स को ही पात्रता दी गई है. इसे लेकर पहले BE/Betch इंजीनियर्स ने विरोध जताया और बीते सालों की तरह ही नियमानुसार भर्ती करने की मांग की. लेकिन डिप्लोमाधारी इंजीनियर्स अब अपनी नौकरी की बढ़ी संभावना के बटने के डर से BE/BTech इंजीनियर्स के मांग के विरोध पर उतर आए हैं।बता दें, साल 2016 में कार्मिक और गैर कार्मिक विभागों में सेवा भर्ती नियम में संशोधन कर BE/BTech और डिप्लोमाधारी इंजीनियर, दोनों को ही पात्रता दी गई थी. जबकि इससे पहले केवल डिप्लोमाधारियों इंजीनियर्स ही इन पदों पर पात्र हुआ करते थे. 2016 से 2024 तक संशोधित नियमानुसार भर्ती की जा रही थी. लेकिन इस साल PHE विभाग में सब इंजीनियर के 118 पदों की भर्ती के लिए प्रकाशित राजपत्र में केवल डिप्लोमाधारी इंजीनियर्स को ही पात्रता दी गई है. इसे लेकर हाल ही में BE/BTech इंजीनियर्स ने विरोध किया था और उन्हें भी पात्रता में शामिल किए जाने की मांग की थी. लेकिन डिप्लोमाधारी इंजीनियर्स उनकी इस मांग के विरोध में आज डिप्टी सीएम शर्मा के पास जा पहुंचे।प्रदेश भर से सैकड़ों डिप्लोमाधारी अभ्यर्थी आज अपनी मांगों को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निवास पहुंचे, जहां उन्होंने इस वर्ष राजपत्र में प्रकाशित योग्यता के आधार पर ही भर्ती करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा. उन्होंने अपने ज्ञापन में ये तर्क दिया है कि पॉलिटेक्निक का सिलेबस जूनियर इंजीनियर की तकनीकी आवश्यकताओं को देखते हुए बनाई गई है जबकि इंजीनियर या BTech की पढ़ाई में ये शामिल नहीं होता।डिप्लोमाधारी इंजीनियर्स ने कहा कि डिप्लोमाधारी जूनियर इंजीनियर के अलावा किसी अन्य पद पर नियुक्त नहीं किए जा सकते. साल 2016 में नियमों में हुए बदलाव के बाद से कार्मिक और गैर कार्मिक विभागों के 90% पदों पर उपाधि प्राप्त अभ्यर्थी ही नियुक्त हुए है जिसके चलते उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है।अभ्यर्थियों की ये मांग है कि कार्मिक और गैर कार्मिक विभागों में उप अभियंता के पद पर भर्ती नियम में संशोधन कर तीन साल का डिप्लोमा अनिवार्य किया जाए ताकि उप अभियंता के पद पर डिप्लोमा धारी इंजीनियर्स को ही नियुक्ति मिले।बता दें कि बीते दिनों राजपत्र में प्रकाशित की गई भर्ती योग्यता का BE और Btech के अभ्यर्थियों ने विरोध किया था.वे विधायक राजेश मूणत और वित्त मंत्री ओपी चौधरी के बगले पहुँचे थे. उन्होंने विभाग द्वारा किए गए बदलाव से एक लाख युवा इंजीनियर्स के भविष्य को अंधकार में धकेलने का आरोप लगाया था. वही अब डिप्लोमाधारी इंजीनियर्स इन पदो पर सिर्फ़ उनकी नियुक्ति की मांग कर रहे है.