किशोर वाधवानी ने GST चोरी का 500 करोड़ अखबार और दूसरे धंधे में लगाए

इंदौर। हाईकोर्ट ने इंदौर के बड़े गुटखा कारोबारी किशोर वाधवानी एवं उनके भतीजे नितेश वाधवानी के खिलाफ पुलिस में दर्ज मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है. साथ ही पुलिस को दो माह में जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने पुलिस से दो माह में मामले की जांच पूरी करने को कहा
इंदौर के बड़े गुटखा कारोबारी मालिक किशोर वाधवानी एवं उनके भतीजे नितेश वाधवानी के खिलाफ डायरेक्टर जनरल आफ जीएसटी इंटेलिजेंस भोपाल की इंदौर यूनिट के आवेदन पर तुकोगंज थाने में 10 फरवरी 2021 को धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था. इसे निरस्त करवाने के लिए हाई कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने दो माह में इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
याचिकाकर्ता ने कहा था कि एक ही मामले में नहीं हो सकती है दो एफआईआर
याचिकाकर्ता ने इंदौर हाई कोर्ट में अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को निरस्त करवाने के लिए लगाए आवेदन में कहा था कि एक ही मामले में दो एफआईआर नहीं हो सकती है. जीएसटी विभाग ने उन पर जीएसटी चोरी कर हमले के संबंध में केस दर्ज किया, जिसमें उन्हें जेल भेजा गया और बाद में बेल मिल गई. लेकिन फिर उनके खिलाफ पुलिस में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया गया. इसलिए दूसरी एफआईआर को निरस्त किया जाए.
हाईकोर्ट जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह की डबल बेंच ने आदेश दिया कि इस मामले में जांच चल रही है और दो एफआईआर होने के मामले में दखल देने का कोई कारण नहीं बनता है. हाईकोर्ट ने पूछा अभी तक पुलिस ने जांच क्यों नहीं की. इस पर पुलिस ने बताया गया काफी संख्या में इनवॉइस है, कई लोगों से पूछताछ होनी है. इसलिए इसमें दिक्कत आ रही है. इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को दो माह में जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक मामला करोड़ों रुपये से संबंधित है. इस मामले में जीएसटी विभाग में छापेमार कार्रवाई की थी, जिसके बाद इंदौर के बड़े गुटखा कारोबारी और उनके भतीजे के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था. केस को निरस्त करवाने को लेकर गुटखा कारोबारी और उनके भतीजे ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी.