ग्राम चिटौद के गांधी चौक में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में पंडित भागीरथी महाराज ने कहा कि रासलीला श्रीमद् भागवत का प्राण

ग्राम चिटौद के गांधी चौक में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में पंडित भागीरथी महाराज ने कहा कि रासलीला श्रीमद् भागवत का प्राण

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में पेड़, पौधों, पहाड़, पर्वत, जंगली जानवरों व पशु पक्षियों समेत सभी जीव-जन्तुओं की पूजा होती है। हमारे पूर्वजों ने हमें यही सिखाया है इसलिए सनातन धर्म को श्रेष्ठ माना गया है। रुख्मिणी विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान कृष्ण ने तो 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। कृष्ण की पहली पत्नी देवी रुख्मिणी थी। विदर्भ देश के राजा भीष्मक की पुत्री रुख्मिणी बुद्विमान, सुंदर और सरल स्वभाव वाली थी। ग्राम चिटौद के गांधी चौक में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में पंडित भागीरथी महाराज ने कहा कि रासलीला श्रीमद् भागवत का प्राण है। रास का मतलब होता है आनंद। आनंद का मतलब कृष्ण। गोपियां जीवात्मा हैं और भगवान परमात्मा। आज कल तो लोग दुख में भगवान का स्मरण करते है, हमें सुख में भी भगवान का स्मरण अवश्य करना चाहिए।