कोंटा से करीब 6 किमी दूर स्थित इतकल गांव में रविवार की सुबह एक साथ एक ही परिवार के 5 ग्रामीणों की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर निर्मम हत्या की
कोंटा से करीब 6 किमी दूर स्थित इतकल गांव में रविवार की सुबह एक साथ एक ही परिवार के 5 ग्रामीणों की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर निर्मम हत्या की घटना से सनसनी फैल गई है। जादू-टोने का आरोप लगाते हुए यहां एक ही परिवार के सदस्यों पर ग्रामीणों की भीड़ ने एकाएक हमला कर दिया। मृत ग्रामीणों में से एक डीआरजी का जवान था।
ग्रामीण बीते कई सालों से उन पर जादू-टोने का आरोप लगाते रहे। दरअसल मृत मौसम कन्ना झाड़-फूंक करता था। इसी बीच पिछले कुछ समय में कुछ ग्रामीणों की मौत भी गांव में हुई थी। ऐसे में गांव के लोगों ने उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ डीआरजी जवान मौसम बुच्चा के दो बच्चे उस समय गाय चरा रहे थे। उन्होंने बताया कि जैसे ही उनके परिजनों पर ग्रामीणों ने हमला किया, वे डर गए और पास में ही छिपकर पूरी घटना देखते रहे। ग्रामीणों ने लाठी-डंडों के ताबड़तोड़ वार से परिवार के पांचों सदस्यों की बच्चों की आंखों के सामने ही हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि हत्या में तकरीबन पूरे गांव के लोग शामिल थे।
कुछ ग्रामीण जब बीच-बचाव के लिए सामने आए तो उन्हें भी ग्रामीणों ने भगा दिया। घटना की खबर मिलते ही पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण, एएसपी आकाश राव गिरपुंजे, थाना प्रभारी मोहन निषाद मौके पर पहुंच गए। मौके पर उन्होंने खून से लथपथ पांचों ग्रामीणों के शव देखे, जिन्हें उन्होंने एंबुलेंस बुलवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने मृत परिवार का घर किया सील
घटना के बाद मृत परिवार के घर को पुलिस ने सील कर दिया है। वहीं जवानों को भी तैनात कर दिया गया है। घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। वहीं पुलिस अफसर भी यहां जुटे हुए हैं। हालांकि पुलिस अफसरों ने मामले में अंधविश्वास के चलते हत्या होने की बात कही है। वहीं मामले की जांच जारी होने की बात कहते हुए आगे कुछ भी बता पाने में असमर्थता जताई है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है।
बच्चों ने बताया- लाठी-डंडा लेकर घर की ओर बढ़ी भीड़
इस मामले में पुलिस ने केवल 5 ग्रामीणों को आरोपी बनाकर उन्हें गिरफ्तार किया है, जबकि मृत जवान के बच्चों ने बताया कि गांव के सभी लोगों की भीड़ उनके घर की तरफ बढ़ने लगी। सभी के पास लाठी-डंडे मौजूद थे। उन्होंने घर के सामने आकर पहले मृतकों से बहस की। इसके बाद जब डीआरजी जवान पहुंचा तो सभी ग्रामीणों ने एकाएक सभी पर हमला करते हुए ताबड़तोड़ लाठी-डंडे बरसाना शुरू कर दिया। जब तक उन्हें संभलने का मौका मिलता, सभी की मौत हो चुकी थी। दोनों बच्चों ने बताया कि वे हर ग्रामीण को पहचानते हैं, जो उनके घर पर पहुंचकर उनके परिजनों की हत्या में शामिल थे।