उद्योगों ने नियम तोड़े तो चार करोड़ का वसूला जुर्माना

उद्योगों ने नियम तोड़े तो चार करोड़ का वसूला जुर्माना

रायगढ़।रायगढ़ जिले में बढ़ते उद्योगों के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए जरूरी है कि पर्यावरणीय शर्तों का कड़ाई से पालन हो। इसके लिए उद्योगों पर सख्ती जरूरी है। पिछले एक साल से उद्योगों पर सख्ती का उदाहरण वसूली गई क्षतिपूर्ति है। फ्लाई एश का लापरवाह तरीके से परिवहन करने पर पर्यावरण विभाग ने चार करोड़ रुपए वसूले हैं। यह आंकड़ा करीब तीन साल का है। वहीं एसओपी लागू होने के बाद दस महीनों में ही डेढ़ करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया है। रायगढ़ में सबसे ज्यादा परेशानी कोयला और फ्लाईएश परिवहन से है। उद्योग भी ईएसपी नहीं चलाते तो प्रदूषण बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उद्योगों को कड़े मानदंडों का पालन करना होता है लेकिन वे पूरे समय ईएसपी भी नहीं चलाते।इसके अलावा प्लांटेशन, पानी छिडक़ाव, फ्यूजिटिव उत्सर्जन पर नियंत्रण आदि भी नहीं करते। इसी वह से हवा में डस्ट की मात्रा बढ़ती है। पर्यावरण विभाग ने सितंबर 2022 के बाद से जिले के सभी छोटे-बड़े उद्योगों में दबिश दी है। फ्लाई एश का परिवहन सबसे बड़ा कारण है जिससे प्रदूषण होता है। पर्यावरण विभाग ने उचित तरीके से राखड़ का परिवहन और निराकरण नहीं करने पर 23 उद्योगों से 4 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला है। इसमें एनटीपीसी, जेपीएल, जेएसडब्ल्यू, जेएसपी, सारडा एनर्जी, सिंघल इंटरप्राइजेस, टीआरएन आदि उद्योग शामिल हैं। जबकि उद्योगों के निरीक्षण में कमी पाए जाने पर करीब 35.51 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति वसूली गई है।खनिजों और फ्लाई एश परिवहन में सीईसीबी ने नियम तैयार किए और अगस्त 2024 से लागू कर दिया। इसके बाद से पर्यावरण विभाग ने सख्ती बढ़ा दी। इन दस महीनों में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का पालन नहीं करने पर छोटे-बड़े 85 उद्योगों पर कार्रवाई की गई। सबको मिलाकर 1.51 करोड़ का जुर्माना वसूला गया। इसमें भी जेएसडब्ल्यू, जेएसपी, एनटीपीसी, टीआरएन, नलवा स्टील, एमएसपी स्टील, अंजनी स्टील आदि शामिल हैं।

प्रदूषण समेत अन्य मुद्दों को लेकर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने उद्योग संचालकों की बैठक बुलाई है। विश्व पर्यावरण दिवस के दिन ही यह मीटिंग है। इसमें फ्यूजिटिव उत्सर्जन को रोकने, वर्ष जल संचयन, वृक्षारोपण, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन के दौरान प्रदूषण आदि विषयों पर चर्चा होगी।