दुर्ग में मसीही समाज का विशाल प्रदर्शन, बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग

दुर्ग,/आज दुर्ग जिले में अल्पसंख्यक मसीही समाज ने विशाल प्रदर्शन किया। प्रदेशभर से हजारों की संख्या में समाज के लोग एकजुट होकर नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
समाज ने आरोप लगाया कि कट्टरपंथी संगठन विशेषकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल लगातार मसीह समाज पर हमले कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया गया कि वह दबाव में आकर फर्जी प्रकरण बना रहा है। ज्ञापन में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए सरकार पर इन संगठनों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया गया।
ज्ञापन में प्रमुख बिंदु:
- हाल ही में दुर्ग रेलवे स्टेशन पर कैथोलिक ननों के खिलाफ मानव तस्करी और धर्मांतरण का झूठा मामला दर्ज किया गया। जिन लड़कियों के आधार पर अपराध दर्ज किया गया, उन्होंने और उनके परिजनों ने स्पष्ट किया कि वे रोजगार हेतु स्वेच्छा से यात्रा कर रही थीं।
- 31 अगस्त को बोरसी निवासी पास्टर आकाश बसरा को बजरंग दल कार्यकर्ताओं और पुलिस ने घर से उठाया, उनके साथ मारपीट की और धर्मांतरण का प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया।
- 14 सितंबर को यूनाइटेड क्रिश्चियन काउंसिल (UCC) के अध्यक्ष पास्टर जोनाथन और उनकी पत्नी पर जानलेवा हमला हुआ। हमलावरों ने उनकी गले की चेन छीन ली और बाद में उन पर ही झूठा धर्मांतरण का मामला दर्ज कर दिया गया।
- पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया गया कि वह घरेलू प्रार्थना सभाओं को रोकने का दबाव बना रहा है, जबकि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि निजी निवास पर प्रार्थना सभा करना किसी भी स्थिति में प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता।
भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष देवेंद्र मसीह का बयान:
“पूरे प्रदेश में मसीह समाज पर अत्याचार और मारपीट हो रही है। बजरंग दल के लोग हमारी माता-बहनों की इज्जत पर हाथ डाल रहे हैं और इन्हें बीजेपी सरकार का संरक्षण प्राप्त है। भीम आर्मी इसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगी। बजरंग दल को बंद किया जाए, अन्यथा हम मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे और तब सरकार को इसका एहसास हो जाएगा।”
इस प्रदर्शन का नेतृत्व मूलनिवासी संघ के अध्यक्ष अमरजीत पटेल ने किया और ज्ञापन सौंपते हुए समाज ने चेतावनी दी कि यदि उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो आंदोलन और उग्र होगा।