एड्स पीड़ित के कानूनी अधिकार बताए लोगों को, संविधान में दिए प्रावधान भी बताए
भिलाई। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग द्वारा ग्राम दरबार मोखली के शासकीय हाई स्कूल में विशेष विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संविधान की प्रस्तावना के पठन-पाठन से हुआ।
उक्त कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के सचिव ने उपस्थित विद्यार्थियों को एड्स/एचआईवी से संबंधित भ्रम, जागरूकता, रोकथाम तथा इससे जुड़े कानूनी अधिकारों के बारे में सरल भाषा में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एचआईवी/एड्स से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति भेदभाव करना कानूनन दंडनीय है।
एचआईवी एवं एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017” के तहत संक्रमित व्यक्तियों को गोपनीयता, उपचार, शिक्षा, रोजगार एवं समान व्यवहार प्राप्त करने का अधिकार है। किसी भी प्रकार के भेदभाव या उत्पीड़न की स्थिति में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग से निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के सचिव ने संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य तथा भारतीय लोकतंत्र की आधारभूत संरचना के बारे में भी विस्तार पूर्वक समझाया। उन्होंने कहा कि संविधान केवल दस्तावेज नहीं, बल्कि राष्ट्र का पथ प्रदर्शक है, जो नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का संदेश देता है। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, बच्चों की सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों और अपराध की गंभीरता के बारे में जागरूक किया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के सचिव ने नशा उन्मूलन पर विशेष जोर देते हुए बताया कि नशा व्यक्ति, परिवार और पूरे समाज के लिए हानिकारक है। उन्होंने विद्यार्थियों को बढ़ते साइबर अपराधों, बैंकिंग धोखाधड़ी, ओटीपी साझा करने के जोखिम और सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के उपायों से भी अवगत कराया। इसके साथ ही उन्होंने चोरी के मोबाइल फ़ोन तथा वाहनों के क्रय-विक्रय से जुड़े कानूनी परिणामों की भी जानकारी दी तथा किसी भी संदेही अनजान व्यक्ति से किसी भी प्रकार का व्यवहार नहीं करने अथवा किसी भी प्रकार का संव्यवहार करने से पूर्व समस्त दस्तावेजों का अवलोकन करने के उपरांत संतुष्ट होने पर ही किए जाने की सलाह दी।
इसके अतिरिक्त उन्होंने भूमि विवादों के सामान्य कारण, मोटर यान अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधान, सड़क सुरक्षा का महत्व तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाने वाली निःशुल्क विधिक सेवाएं जैसे कानूनी सलाह, लोक अदालत, मध्यस्थता, पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना और नालसा टोल-फ्री नंबर 15100 के बारे में भी विद्यार्थियों को विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय परिसर में विश्व एड्स दिवस से संबंधित आकर्षक और संदेशप्रद रंगोली बनाई गई, जिसने शिविर की शोभा और जागरूकता दोनों को बढ़ाया।
शिविर के पश्चात पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने विश्व एड्स दिवस से जुड़े विषयों पर अत्यंत आकर्षक, प्रभावशाली और जागरूकता बढ़ाने वाली पेंटिंग प्रस्तुत की। विद्यार्थियों की रचनात्मकता, समझ और जागरूकता उनके कार्यों में स्पष्ट रूप से दिखाई दी, जो कार्यक्रम के आकर्षण का अभिन्न अंग रहीं। समग्र रूप से यह विधिक साक्षरता शिविर विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक और सामाजिक जागरूकता को बढ़ाने वाला सिद्ध हुआ, जिसने उन्हें कानूनी जानकारी, सामाजिक जिम्मेदारियों और स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में सशक्त किया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ, एन.एस.एस. स्वयंसेवक, शिक्षकगण और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। उपस्थित सभी नागरिकों ने कार्यक्रम से प्राप्त जानकारी को अत्यंत उपयोगी बताते हुए आभार व्यक्त किया।