छत्तीसगढ़ के 101 पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों की जुगलबंदी से रंग जमाया देशभक्ति का, अभिनेता अनुपम खेर भी खुद को रोक नहीं पाए तारीफ करने से 

छत्तीसगढ़ के 101 पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों की जुगलबंदी से रंग जमाया देशभक्ति का, अभिनेता अनुपम खेर भी खुद को रोक नहीं पाए तारीफ करने से 


भिलाई। प्रख्यात अभिनेता अनुपम खेर ने छत्तीसगढ़ के लोकवाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय और उनके समूह की प्रस्तुति को खूब सराहा। अभिनेता अनुपम खेर ने इस प्रस्तुति की न सिर्फ खुल कर तारीफ की बल्कि अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर भी किया। मौका था छतरपुर (मध्य प्रदेश) में आयोजित 11वें खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का। रिखी क्षत्रिय व उनके समूह को इस प्रतिष्ठित फेस्टिवल में  दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से भेजा गया था। जहां रिखी क्षत्रिय ने अपने समूह के साथ छत्तीसगढ़ लोक बैंड के तहत 101 पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों की अनूठी जुगलबंदी पेश की, जिसमें पारंपरिक धुनों एवं देशभक्त गीतों की प्रस्तुति समूह ने दी। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के शिल्पग्राम परिसर में आयोजित यह समारोह दिवंगत प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता द्वय धर्मेन्द्र और असरानी को समर्पित था।
यहां देश-विदेश के मेहमानों के बीच रिखी क्षत्रिय व उनके समूह ने अपनी प्रस्तुति दी। इस दौरान अभिनेता अनुपम खेर भी खास तौर पर मौजूद थे। अनुपम ने न सिर्फ प्रस्तुति को सराहा बल्कि अपने सोशल मीडिया अकाउंट से इस प्रस्तुति को शेयर भी किया। इसके साथ ही अनुपम खेर ने टिप्पणी की-वंडरफुल। प्रस्तुति समाप्त होने के बाद अनुपम खेर ने रिखी व उनके समूह के साथ मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएं दी। मुख्य आयोजक राजा बुंदेला और उनकी पत्नी व अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी ने भी छत्तीसगढ़ के इस समूह की प्रस्तुति को सराहा।  खजुराहो महोत्सव में छत्तीसगढ़िया लोक रंग का जादू जगाने वाले कलाकारों में रामकुमार पाटिल, डोरेलाल साहू, रामकुमार निषाद, कुलदीप सार्वा, प्रदीप ठाकुर, सुनील कुमार,सुशील कुमार, जय कुमार सेन, एनेश्वर विश्वकर्मा, मोहेंद्र निषाद ,भोज राम,प्रमोद और सागर शामिल थे।