ऑनलाइन महादेव सट्टा ऐप : ईडी की सप्लीमेंट्री चार सीट में नया क्या….?
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित ऑनलाइन महादेव सट्टा ऐप मामले में गिरफ़्तार कुरियर असीम दास ने अपने उस बयान पर कायम रहने का दावा किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उसके पास से बरामद 5.39 करोड़ रुपये तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिए जाने थे.इससे पहले असीम दास ने जेल से ईडी के निदेशक और प्रधानमंत्री कार्यालय सहित उच्च अधिकारियों को पत्र लिख कर कहा था कि उन्हें फंसाया जा रहा है और ईडी ने उन्हें अंग्रेज़ी में दर्ज बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया था. जबकि वह अंग्रेज़ी जानता ही नहीं.
अब रायपुर की एक स्थानीय अदालत में महादेव सट्टा ऐप का पूरक परिवाद दायर करते हुए ईडी ने कहा है कि उसने फिर से पिछले महीने की 12 तारीख़ को रायपुर जेल में बंद असीम दास से बयान लिया है.
ईडी के अनुसार, असीम दास ने अपने शुरुआती बयान से पलटने का कारण बताते हुए कहा कि उनके वकील के साथ एक व्यक्ति जेल में आया था और उसने एक दस्तावेज़ देते हुए, उसे अपनी लिखावट में दर्ज करने के लिए कहा. उसे लगा कि शायद ऐसा करने से उसे अपने मुकदमे में लाभ होगा. उसे यह भी नहीं पता था कि इसे किसे भेजा जाएगा.
गौरतलब है कि इस साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, 2-3 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने असीम दास को रायपुर से गिरफ़्तार किया था. उनके पास से ईडी ने 5.39 करोड़ नक़द बरामद करने का दावा किया था.
ईडी ने एक बयान जारी कर सट्टा ऐप के मालिकों द्वारा, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए जाने की की बात भी कही.