छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पुलिस को बड़ी सफलता

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पुलिस को बड़ी सफलता

सुकमा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। शुक्रवार को सुकमा में 5 नक्सलियों ने प्रशासन की नीतियों से प्रभावित होकर सरेंडर कर दिया। नक्सलियों के सरेंडर की जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 3 नक्सली पोल्मपल्ली क्षेत्र में एक्टिव थे तो वहीं 2 नक्सली किस्टाराम थाना क्षेत्र में सक्रिय थे। अधिकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन’ और सुकमा पुलिस की नीति के कारण नक्सलियों ने सरेंडर किया है।सुकमा पुलिस पूना नर्कोम अभियान चला रही है। आपको बता दें कि सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन’ नीति के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को 25 हजार सहायता राशि दी जाती है। साथ ही कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। नक्सलियों ने कहा कि वह माओवादियों की विचारधारा को छोड़कर सामान्य जिंदइन नक्सलियों ने किया सरेंडर

माड़वी भीमा उम्र 33 वर्ष। अरलमपल्ली आरपीसी डीएकेएमएस की सदस्य था और अरलमपल्ली थाना क्षेत्र में सक्रिय रहा।

वंजाम पाण्डू इसकी उम्र 44 वर्ष की है। मिलिशिया समूह में सदस्य रहा। थाना क्षेत्र आतुलपारा पोलमपल्ली थाना पोलमपल्ली में एक्टिव था।

पोडियाम मासा उम्र 26 वर्ष। बुर्कलंका आरपीसी मिलिशिया का सदस्य पामलूर थाना किस्टाराम जिला सुकमा का निवासी है।

मडकम पुंगा उम्र 30 साल। बुर्कलंका आरपीसी मिलिशिया में ही एक्टिव रहा। पामलूर थाना किस्टाराम जिला सुकमा का निवासी है।

करतम मंगा उम्र 20 वर्ष। यह अरलमपल्ली आरपीसी डीएकेएमएस के लिए कार्य करता था। यह बुंगरूपारा थाना पोलमपल्ली का रहने वाला है।गी जीना चाहते हैं।इसलिए किया नक्सलियों ने सरेंडर

सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने कहा कि वह सभी नक्सलियों की अमानवीयता, आधारहीन विचारधार, उनके शोषण, अत्याचार, बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव और स्थानीय आदिवासियों पर हो रही हिंसा से परेशान थे। जिस कारण से उन्होंने नक्सलवाद की राह छोड़ने का फैसला किया।