भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ दुर्ग का भक्तिमय आयोजन
दुर्ग ।” रामनवमी, भारतीय नववर्ष और नवरात्रि जैसे त्योहारों की त्रिवेणी से कृषिप्रधान और ऋषि प्रधान भारत विश्व प्रसिद्ध हुआ। इन पर्वों के द्वारा सूर्य, चन्द्र,धरती, हवा और पानी आदि से हमारी कृषि और ऋषि की संस्कृति फली-फूली। ये पृष्ठभूमि भारत को जगद्गुरु बनाती है। हमारे सांस्कृतिक शब्दार्थ सीताराम, राधेश्याम और मातापिता आदि में तो महिला शक्ति पहले क्रम पर है ही, अपने प्रिय देश को भी हम भारत माता ही कहते हैं। मां दुर्गा के आशीर्वाद से श्री राम ने रावण का वध किया। उस नवरात्रि के अन्त में दशहरा और इस नवरात्रि के अन्त में रामनवमी आती है। हिन्दू नववर्ष का शुभारम्भ भी उनके राज्याभिषेक दिवस से होता है। बाद में युधिष्ठिर और विक्रमादित्य आदि के प्रसंग भी इससे जुड़े। पूरे देश में युगादि, चेटीचंड, गुड़ी पड़वा और वैशाखी आदि इसी के आसपास मनाये जाते हैं।हिमालय और हिन्द महासागर के पहले और अन्तिम शब्दों से हिन्दू शब्द बना।वह सर्वधर्म समादर करते हुये अनावश्यक हिंसा से दूर रहने के कारण हिन्दू कहलाया।”
ये उद्गार हैं धर्म, साहित्य और संस्कृति मर्मज्ञ आचार्य डॉ महेश चन्द्र शर्मा के। देश-विदेश के अनेक सफल शैक्षणिक भ्रमण कर चुके डॉ. शर्मा केसरी नन्दन हनुमान् मन्दिर, मीनाक्षी नगर दुर्ग में धर्मप्रेमी जनों को सम्बोधित कर रहे थे। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ दुर्ग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आचार्य डॉ. शर्मा ने आगे कहा कि अपने आदर्श चरित्र और देशभक्ति के लिये श्रीराम विश्व वन्दनीय हैं। रामायण में उन्होंने ही जननी और जन्मभूमि को स्वर्ग से भी महान बताया है।
आचार्य शर्मा के उद्बोधन के पूर्व भगवान शिव, श्री राम, दुर्गा और हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। आयोजकों की ओर से जी.एन.वर्मा और पी.आर.साहू ने डॉ महेश शर्मा का सम्मान किया। कार्यक्रम का सफल संचालन बी.के. शर्मा ने किया। इस अवसर पर समर्पण महिला मानस मण्डली ने सुन्दर काण्ड, हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा एवं भजनों का सुमधुर गायन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करदिया। आयोजक संस्था की ओर से अध्यक्ष बी. के.वर्मा ने महिला मानस मण्डली को एक हजार पच्चीस रुपये (1025 रु.) भेंट किये। इस अवसर पर अध्यक्ष बी.के.वर्मा, टी.के. गजपाल, पूनाराम साहू, एल. एल. निषाद, डॉ. डी.आर. साहू, शीतल प्रसाद, भोज कुमार शर्मा, सी.सी. सूर्यवंशी एवं पी.एस. बघेल समेत बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी उपस्थित रहकर कार्यक्रम का आनंद लेते रहे।