अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर लिया संकल्प  सप्ताह में 3 दिन रिंकल क्लॉथ ( बिना आयरन किए कपड़े ) पहनेंगे  ,कार्बन उत्सर्जन कम करेंगे,  जैव विविधता एवम पर्यावरण  संरक्षण हमारी जिम्मेदारी - डॉ पाणिग्रही

अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर लिया संकल्प  सप्ताह में 3 दिन रिंकल क्लॉथ ( बिना आयरन किए कपड़े ) पहनेंगे  ,कार्बन उत्सर्जन कम करेंगे,  जैव विविधता एवम पर्यावरण  संरक्षण हमारी जिम्मेदारी - डॉ पाणिग्रही

दुर्ग  - अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर दुर्ग वन मंडल द्वारा नगर वन बायोडायवर्सिटी पार्क  मेमोरियल गार्डन में  आयोजित कार्यक्रम में वन मंडलाधिकारी चंद्रशेखर परदेसी , उप वन मंडलाधिकारी , परिक्षेत्र अधिकारी ,एवम फारेस्ट स्टाफ तथा स्टूडेंट्स के साथ सहभागिता करते हुए वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया । पौधारोपण  कार्यक्रम समापन पश्चात ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही ने संकल्प लिया कि  जैव विविधता एवम पर्यावरण संरक्षण हेतु आज से सप्ताह में 3 दिन रिंकल क्लॉथ ( बिना आयरन किए कपड़े ) पहनेंगे । कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी करेंगे । पर्यावरण वैज्ञानिकों का शोध  है कि एक जोड़ी कपड़ा आयरन करने में 200 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा। इस तरह एक व्यक्ति प्रति 600ग्राम के दर से वर्ष में 3.120किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन कम करेगा ।   डॉ पाणिग्राही ने कहा कि अपने संकल्प के अनुरूप  आज  मैं कार्यक्रम में रिंकल क्लॉथ पहनकर आया हूं। इसे हम जारी रखेंगे। डॉ पाणिग्राही ने कहा कि हमारी संस्था के डायरेक्टर अमूजुरी बिस्वनाथ एवम वरिष्ठ सदस्य इतिहासकार डॉ विजय शर्मा ने भी सप्ताह में 3 दिन रिंकल क्लॉथ पहनेंगे तथा इस अभियान  " हमारे छोटे छोटे काम - देंगे हमें बड़ा परिणाम ।" को हम अन्य लोगों तक ले जायेंगे। लोगों को प्रेरित करेंगे । यदि हमें धरती पर बेहतर जीवन जीना है तो हमें प्रकृति की ओर लौटना होगा। मुझे याद है मैट्रिक पढ़ते तक मैने आयरन कपड़े नहीं पहने। बचपन में हम धुले कपड़े पर थोड़ा पानी छींटकर उसे हाथ से या लोटे अथवा समतल वाले बर्तन से चलाते थे तथा कपड़ों को फोल्डकर बिस्तर अथवा तकिए की नीचे रख देते थे ।सबेरे आयरन किए जैसा हो जाता था । आइए अपनाएं इसे  "कल का हमारा पारंपरिक ज्ञान आने वाले कल का फैशन बनेगा"  ।